आज से पूरे देश में गणेश महोत्सव की शुरुआत हो गई है। उत्तराखंड के ऋषिकेश में सभी सनातन धर्मावलंबी प्रति वर्ष गणपति की स्थापना तो करते हैं। लेकिन हममें से बहुत ही कम लोगों को गणपति स्थापना के महत्व के बारे में जानकारी है। किसी भी पूजा को अच्छे-ढंग से करने के लिए इसका महत्व होना बहुत जरूरी है।
आखिर हम गणपति क्यों बैठाते हैं ?
हमारे धर्म ग्रंथों के अनुसार, महर्षि वेद व्यास ने महाभारत की रचना की है। परंतु लिखना उनके वश का नहीं था। अतः उन्होंने श्री गणेश जी की आराधना की और गणपति जी से महाभारत लिखने की प्रार्थना की।
वेद व्यास की प्रार्थना के बाद गणपति जी ने अपनी सहमति दी और दिन-रात लेखन कार्य प्रारंभ हो गया। इस कारण गणेश जी को थकान तो होनी ही थी, लेकिन इस दौरान उन्हें पानी पीना भी वर्जित था। अतः गणपति के शरीर के तापमान को काबू में रखने के लिए वेदव्यास ने उनके शरीर पर मिट्टी का लेप लगा दिया और भाद्रपद शुक्ल की चतुर्थी तिथि को गणेश जी की पूजा की। मिट्टी का लेप सूखने पर गणेश जी के शरीर में अकड़न आ गई। इस वजह से भगवान गणेश का एक नाम पर्थिव गणेश भी पड़ा। महाभारत का लेखन कार्य 10 दिनों तक चला और अनंत चतुर्दशी को लेखन कार्य संपन्न हो गया।
डंडे बजाकर खेलते हैं बच्चे
गणेश चतुर्थी को कुछ स्थानों पर डंडा चौथ के नाम से भी जाना जाता है। मान्यता है कि गुरु शिष्य परम्परा के तहत इसी दिन से विद्याध्ययन का शुभारम्भ होता था। इस दिन बच्चे डण्डे बजाकर खेलते भी हैं। गणेश जी को ऋद्धि-सिद्धि व बुद्धि का दाता भी माना जाता है। इसी कारण कुछ क्षेत्रों में इसे डण्डा चौथ भी कहते हैं।
घरों में गणपति बप्पा विराजमान
आज देश में लगभग हर सनातनी के घर में गणपति विराजमान है, लोग आज के दिन इनको घर में विराजमान करते हैं, और पूजा पाठ कर विधिविधान से दिन में तीन बार पूजा अर्चना भोग आदि लगाते है। बप्पा को डेढ़ दिन से दस दिनों तक रखने का विधान है। आज से दसवें दिन अनंत चतुर्दशी को विसर्जन किया जाएगा।
महाराष्ट्र की तरह उत्तराखंड में धूम
ये महोत्सव महाराष्ट्र का हुआ करता था और आज भी बहुत धूमधाम से मनाया जाता है मगर अब उत्तराखंड में भी बड़ी संख्या में इस महोत्सव को धूमधाम से मनाया जाने लगा है। उत्तराखंड ही नहीं पूरे देश में ही मनाया जाने लगा है और ऋषिकेश में विसर्जन के दिन हजारों-हजारों की संख्या में विसर्जन को लोग दूर दूर से आते है। यह का माहौल मुंबई जैसा ही होता है, गणपति लोगो की मनोकामनाएं पूर्ण करते है सुख समृद्धि देते है ये ही कारण है आज हर घर में गणपति विराजमान होते हैं।