सीतापुर जेल में जिला कारागार में बंद गैंगरेप के एक कैदी की शुक्रवार को मौत हो गई। वह 2020 से गैंगरेप के आरोप में जेल में बंद था। उसका मामला अभी कोर्ट में विचाराधीन था। जेल प्रशासन ने बताया कि कैदी की पेट में तेज दर्द की शिकायत हुई थी। इसके बाद उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था। यहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गयी। वहीं, परिजनों ने जेल प्रशासन पर गंभीर आरोप लगाए हैं। पुलिस ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया है।
जानिए क्या है पूरा मामला
बता दें जेल प्रशासन का कहना है कि मिश्रिख कोतवाली क्षेत्र के ग्राम रनुपुर निवासी कैदी बबलू सिंह पुत्र उमेश पाल 2020 से जल में बंद था। उसे एक नाबालिग से गैंगरेप के मामले में केस दर्ज कर जेल भेजा गया था। इसके बाद कोर्ट में मामला विचाराधीन था। जेल प्रशासन का कहना है कि शुक्रवार सुबह करीब 11 बजे सुबह उसके पेट में तेज दर्द उठा। इसके बाद उसे जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया। दोपहर तकरीबन 2 बजे उसकी इलाज के दौरान मौत हो गयी। पुलिस ने परिवार वालों के हंगामे के बाद शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया।
परिजनों ने लगाए जेल प्रशासन पर आरोप
वहीं इस मामले की जांच की जा रही है। बबलू की मां का आरोप है कि गुरुवार को उसने जेल में बबलू से मुलाकात की थी। वह सही-सलामत था। लेकिन, अचानक उसकी तबियत कैसे खराब हो गयी? बबली की मां ने कहा जेल प्रशासन की प्रताड़ना से उसकी मौत हुई हैं। वही, कैदी की मौत के बाद जिला कारगार बंद अन्य कैदियों ने देर रात भूख हड़ताल कर दी। कैदियो की भूख हड़ताल की सूचना से जेल प्रशासन के हाथ पैर फूल गाए। तकरीबन 4 घंटे बाद पुलिस और प्रशासनिक अधिकारी जेल से बाहर आए और मामले पर चुप्पी तोड़ी. अपर पुलिस अधीक्षक दक्षिणी नरेंद्र प्रताप सिंह ने बताया कि कैदी के मौत से दुखी जेल के कुछ कैदियों ने उपवास रखा था और फार्मासिस्ट के खिलाफ नाराजगी जताई थी। अब यहां एक डॉक्टर की टीम आएगी और कैदियों की जांच और इलाज करेगी।