Ghaziabad Fraud : अलग – अलग विभागों में सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर कई लोग लाखों का फ्रॉड (Ghaziabad Fraud ) करते हैं. ऐसा ही एक मामला सामने आया है. जहां कई लोगों ने सरकारी नौकरी लगवाने के नाम पर पूरे 97.50 लाख रुपये की ठगी की है. आरोप ये है कि आरोपियों ने खुद को IAS बताकर नौकरी दिलाने का विश्वास दिया. जिसके बाद इस वारदान को अंजाम दिया.
गाजियाबाद ( Ghaziabad Fraud ) डासना के काजीपुरा रहने वाले शिवम द्वारा शिकायत और कोर्ट के आदेश पर पुलिस ने गिरोह को पकड़ लिया है. आरोपियों की पहचान राजीव शर्मा पटवारी, आलोक कुमार, ओमदत्त शर्मा, कुसुम देवी, रविंद्र कुमार, अजेश फौजी, अतुल और संतोष के रूप में हुई है. जिनका मुकदमा वेव सिटी थाने में दर्ज कराया गया है.
पीड़ित शिवम ने पुलिस( Ghaziabad Fraud ) को बताया कि राजीव शर्मा उनके ही साथ सरकारी नौकरी की तैयारी कर रहा था. साल 2022 में उसने शिवम को बताया कि फर्रुखाबाद में पटवारी पद पर उसका सिलेक्शन हो गया है. वहां उसकी IAS और अन्य अधिकारियों से अच्छी जान पहचान है. वह उसकी सरकारी नौकरी लगवाने में मदद करेगा. आरोप है कि राजीव ने उसकी व उसकी बहन की सरकारी नौकरी लगवाने की बात कहकर 10 लाख रुपये मांगे. कुछ दिन बाद राजीव ने शिवम को बताया कि यूपी एडेड इंटर कॉलेज में क्लर्क और UPPCL में असिस्टेंट अकाउंट की नौकरी निकली है. यही नहीं उसने कई लोगों को सरकारी नौकरी लगवाने का झांसा दिया है.
इसी बीच उसने रविंद्र नामक एक व्यक्ति से बात कराई, जिसने खुद को IAS अधिकारी बताया. इसके बाद उन्होंने और उनके रिश्तेदार और परिचियों ने 97.50 लाख रुपये दे दिए. जिसके बाद उन सभी को इन लोगों के फर्जीवाड़े ( Ghaziabad Fraud ) की जानकारी मिली. SP वेव सिटी ने बताया कि इस मामले की जांच हो रही है. जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी.
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