गाजियाबाद। आज हम 74वां गणतंत्र दिवस मना रहे हैं। लेकिन आज भी महिलाएं दहेज के लिए मारपीट और बेटी पैदा होने पर घरेलू हिस्सा का शिकार हो रही हैं। पुलिस मानो कान में रूई डाले आंखों पर पट्टी बांदकर हाथ पर हाथ कर बैठी है। ना उसे कुछ सुनाई देता है और ना ही दिखाई। ताजा मामला गाजियाबाद के थाना साहिबाबाद क्षेत्र के करहेड़ा गांव से घरेलू हिस्सा का मामला सामने आया है। जहां पर एक विवाहिता काफी समय से ससुराल में मकान के गेट पर अपनी बेटी के साथ टैंट लगा कर बैठी हुई है। जिसको ससुराल वालों द्वारा घर के अंदर नहीं आने दिया जा रहा है। पीड़ित महिला का नाम खुशबू धामा है।
शादी के बाद दहेज के लिए किया प्रताड़ित
पीड़ित महिला से मिली जानकारी के अनुसार उसकी शादी न्यू करहेडा निवासी दीपक चंदेला से 4 फरवरी 2010 में हुई थी। शादी के कुछ समय बाद ही ससुराल पक्ष पति सहित सास और ननद दहेज के लिए प्रताड़ित करने लगे। जैसे तैसे उसने समय गुजारा और एक बेटी का जन्म दिया। ससुराल वालों ने लड़की पैदा होने पर उसे फिर से प्रताड़ित करना शुरू कर दिया कि हमें लड़का चाहिए था। लेकिन कुछ समय बाद ही लड़की की मौत हो गई।
ठंड में दस दिनों से गेट के बाहर बैठी महिला
इसके बाद महिला ने जन्म ने दूसरे बच्चे को जन्म दिया वह भी लड़की थी। तो पति दीपक और परिवार वालों ने महिला को अपने घर से बाहर निकाल दिया। काफी मिन्नतें करने के बाद भी उसे घर में नहीं आने दिया और कई बार उसे जान से मारने की कोशिश भी की। तभी से इतनी ठंड में वह अपनी बेटी के साथ टैंट लगा कर ससुराल के गेट पर बैठी है। वह लगभग दस दिनों से गेट के बाहर बैठी हुई है। महिला ने इसकी लिखित शिकायत स्थानीय थाना पुलिस में भी दी। परन्तु पुलिस ने हमेशा की तरह कोई सुनवाई नहीं की।