Ghaziabad में चार गुना बढ़ा हाउस टैक्स, पुराने घरों को छूट का झुनझुना, लोग बोले– ये तो अन्याय है!

गाजियाबाद नगर निगम ने बिना बोर्ड मंजूरी के सर्कल रेट के आधार पर हाउस टैक्स बढ़ा दिया है। चार गुना तक आए बिल से लोग हैरान हैं। पुराने घरों को छूट देने की बात है, लेकिन नागरिकों में नाराजगी है।

Ghaziabad

Ghaziabad house tax: नगर निगम द्वारा अचानक सर्कल रेट के आधार पर हाउस टैक्स बढ़ाए जाने से शहरवासियों में गहरी नाराजगी है। बिना बोर्ड की मंजूरी के इस नियम को लागू करने पर लोग सवाल उठा रहे हैं। पुराने घरों को छूट देने की बात कही जा रही है, लेकिन जिन घरों में पहले 1000 रुपये टैक्स लगता था, वहां अब 3500 से 7500 रुपये तक का बिल थमा दिया गया है। खासकर हाईराइज सोसाइटी में रहने वाले मध्यमवर्गीय लोग इस निर्णय से खुद को ठगा महसूस कर रहे हैं। शहर के विभिन्न क्षेत्रों में बिल बांटे जा चुके हैं और विरोध शुरू हो गया है। पार्षदों की चुप्पी और प्रशासन की मनमानी से नागरिकों में गुस्सा बढ़ता जा रहा है।

बोर्ड मंजूरी बिना ही लागू हुआ नया टैक्स नियम

Ghaziabad नगर निगम ने बिना बोर्ड बैठक की मंजूरी के ही सर्कल रेट के आधार पर टैक्स दरें लागू कर दी हैं। इस बदलाव के बाद टैक्स पुराने के मुकाबले चार गुना तक बढ़ गया है। मेयर सुनीता दयाल ने कहा है कि नगर आयुक्त और अधिकारियों के साथ बैठक कर इस मुद्दे पर पुनर्विचार किया जाएगा। फिलहाल अधिक बिल मिलने से लोग कार्यालयों का चक्कर काट रहे हैं।

पुराने घरों को दी जा रही छूट, लेकिन शर्तों के साथ

Ghaziabad निगम ने टैक्स में छूट का दावा जरूर किया है, लेकिन इसके लिए कई शर्तें हैं। 10 साल पुराने घरों को 25% छूट, 10-20 साल वाले घरों को 32.5% और 20-40 साल पुराने घरों को 40% की छूट दी जाएगी। इसके अलावा 31 जुलाई तक टैक्स भरने पर 20% की और ऑनलाइन भुगतान पर 1% की अतिरिक्त छूट मिल सकती है।

कवर्ड से कारपेट एरिया पर टैक्स लागू

अब तक टैक्स कवर्ड एरिया पर लगता था, लेकिन नए नियम के तहत इसे कारपेट एरिया के हिसाब से वसूला जाएगा। कारपेट एरिया में दीवारें शामिल नहीं होतीं, जिससे टैक्स थोड़ा कम हो सकता है।

लोगों में गुस्सा, सुविधाओं पर भी सवाल

वसुंधरा, सिद्धार्थ विहार और टीएचए जैसे क्षेत्रों में बिल मिलते ही लोग भड़क उठे हैं। नागरिकों का कहना है कि जब मूलभूत सुविधाएं नहीं मिल रही हैं तो टैक्स बढ़ाने का औचित्य क्या है? हाईराइज सोसाइटी में रहने वाले लोग पहले से मेंटिनेंस चार्ज भरते हैं, ऊपर से हाउस टैक्स का बोझ उन्हें असहनीय लग रहा है।

Ghaziabad नगर निगम भले ही इस बदलाव को तर्कसंगत ठहराए, लेकिन जनता इसे सीधे जेब पर हमला मान रही है।

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