Gold Rate Today : देश में सोने की गिरावट पर अब ब्रेक लग गया है। लगातार चार दिनों तक भाव टूटने के बाद 7 नवंबर की सुबह सोने की कीमतों में फिर तेजी लौट आई है। दिल्ली में 24 कैरेट सोना अब ₹1,22,730 प्रति 10 ग्राम पर पहुंच गया है, जबकि 22 कैरेट सोने का भाव ₹1,12,510 प्रति 10 ग्राम है। अन्य प्रमुख शहरों में भी सोने के दामों में बढ़त दर्ज की गई है। इसी तरह, चांदी के दामों में भी उछाल देखा गया है।
अमेरिका में सरकारी विभागों का शटडाउन जारी है, जो अब तक का सबसे लंबा शटडाउन बन गया है। इस स्थिति ने वैश्विक वित्तीय बाजारों में अनिश्चितता बढ़ा दी है, जिससे निवेशक सुरक्षित विकल्पों की ओर रुख कर रहे हैं — और इसका सीधा फायदा सोने-चांदी जैसी कीमती धातुओं को मिल रहा है। इसके अलावा, डॉलर में आई कमजोरी ने भी सोने और चांदी की कीमतों को सहारा दिया है।
देश के प्रमुख शहरों में आज के सोने के भाव
| शहर | 22 कैरेट (₹ प्रति 10 ग्राम) | 24 कैरेट (₹ प्रति 10 ग्राम) |
|---|---|---|
| दिल्ली | 1,12,510 | 1,22,730 |
| मुंबई | 1,12,360 | 1,22,580 |
| अहमदाबाद | 1,12,410 | 1,22,630 |
| चेन्नई | 1,12,360 | 1,22,580 |
| कोलकाता | 1,12,360 | 1,22,580 |
| हैदराबाद | 1,12,360 | 1,22,580 |
| जयपुर | 1,12,510 | 1,22,730 |
| भोपाल | 1,12,410 | 1,22,630 |
| लखनऊ | 1,12,510 | 1,22,730 |
| चंडीगढ़ | 1,12,510 | 1,22,730 |
पुणे और बेंगलुरु
दोनों शहरों में 24 कैरेट सोने की कीमत ₹1,22,580 प्रति 10 ग्राम और 22 कैरेट सोने की कीमत ₹1,12,360 प्रति 10 ग्राम दर्ज की गई है।
वैश्विक संकेत और विशेषज्ञों के अनुमान
गोल्डमैन सैक्स ने अनुमान जताया है कि दिसंबर 2026 तक सोना $4,900 प्रति औंस तक पहुंच सकता है। वहीं ANZ का कहना है कि अगले साल के मध्य तक इसका भाव $4,600 प्रति औंस के स्तर पर हो सकता है। डीएसपी मेरिल लिंच का भी मानना है कि सोने की तेजी अभी खत्म नहीं हुई है।
चांदी की कीमत में भी उछाल
सोने की तरह चांदी में भी तेजी देखने को मिली है। 7 नवंबर को घरेलू बाजार में चांदी ₹1,52,600 प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई है। वहीं अंतरराष्ट्रीय बाजार में चांदी का हाजिर भाव $48.60 प्रति औंस दर्ज किया गया है।
यह भी पढ़ें : 7 नवंबर से शुरू होगी बाबा बागेश्वर धाम पद यात्रा…
भारत में सोने और चांदी की कीमतें केवल घरेलू मांग और आपूर्ति जैसे डोमेस्टिक फैक्टर्स पर निर्भर नहीं करतीं, बल्कि अंतरराष्ट्रीय आर्थिक स्थितियों, डॉलर की मजबूती-कमजोरी और वैश्विक बाजार की हलचल का भी उन पर गहरा प्रभाव पड़ता है।
