Gorakhpur Tragic Incident: वृद्धाश्रम में रह रही महिला की मौत के बाद बेटों ने शव घर लाने से किया इनकार, बेटियों ने निभाया फर्ज

गोरखपुर में मां की मौत पर बेटों ने शादी का बहाना बनाकर शव घर लाने से इनकार कर दिया। वृद्ध पिता और गांव के लोग बेटों के व्यवहार से बेहद दुखी और आहत हैं।

Gorakhpur Tragic Incident: गोरखपुर में एक ऐसी घटना सामने आई है जिसने सभी को भीतर तक हिला दिया। यहां एक मां के निधन पर उसके ही बेटों ने शव को घर लाने से साफ इनकार कर दिया। बेटों का कहना था कि घर में शादी है, इसलिए अभी शव नहीं लाया जा सकता। पिता से कहा गया कि लाश को फ्रीजर में रखवा दिया जाए और चार दिन बाद दाह संस्कार कर दिया जाएगा। यह सुनकर वृद्ध पिता स्तब्ध रह गए और जमीन पर बैठकर रोने लगे।

वृद्ध दंपति के तीन बेटे और तीन बेटियां हैं। यह परिवार भरोहिया ग्राम पंचायत का रहने वाला है। पिता भुआल गुप्ता किराने की दुकान चलाकर बच्चों का पालन-पोषण करते थे। सभी की शादी कर दी, नाती-पोते भी हो गए। लेकिन एक साल पहले तीनों बेटों ने माता-पिता को बोझ कहकर घर छोड़ने पर मजबूर कर दिया। आहत होकर दंपति ने घर छोड़ दिया और आत्महत्या करने पहुंचे, पर लोगों ने रोक लिया।

यही भटकते हुए उन्हें जौनपुर स्थित एक वृद्धाश्रम के बारे में पता चला, जहां वे रहने लगे। बेटों ने कभी हालचाल नहीं पूछा, केवल छोटे बेटे से कभी-कभी बातचीत हो जाती थी। कुछ दिन पहले भुआल की पत्नी शोभा देवी की तबियत अचानक बिगड़ गई। अस्पताल में डॉक्टरों ने बताया कि उनकी दोनों किडनी खराब हो चुकी हैं। रात में ही शोभा देवी ने दम तोड़ दिया।

आश्रम संचालक ने छोटे बेटे को फोन पर मौत की जानकारी दी और शव घर ले जाने को कहा। छोटे बेटे ने कहा कि बड़े भाई के बेटे की शादी है, ऐसे समय में शव घर आया तो अपशगुन होगा। इसलिए शव फ्रीजर में रखवा दिया जाए और चार दिन बाद दाह संस्कार कर दिया जाएगा। यह सुन वृद्ध भुआल गुप्ता का दिल टूट गया।

जब बेटियों को इसकी जानकारी हुई तो उन्होंने पिता से कहा कि मां का शव गांव लाया जाए, वे अंतिम संस्कार करेंगी। एंबुलेंस से शव गांव पहुंचाया गया, लेकिन बेटों में से कोई भी अंतिम दर्शन के लिए नहीं आया। बेटियों ने ग्रामीणों की मदद से शव को घाट तक पहुंचाया। पंडित से सलाह लेने पर कहा गया कि अभी शव को मिट्टी में दफना दिया जाए और बाद में पुतला बनाकर अंतिम संस्कार किया जा सकता है। मजबूरी में बेटियों ने मां को दफनाया और पिता को साथ लेकर लौट गईं।

भुआल गुप्ता रोते हुए कहते हैं कि भगवान किसी को भी ऐसी संतान न दे, जिन्होंने माता-पिता को जीते जी सहारा नहीं दिया और मौत के बाद भी मां का सम्मान नहीं कर सके। गांव वाले भी इस घटना से दुखी और नाराज हैं। लोगों का कहना है कि ऐसे कर्तव्यहीन बेटों से समाज को दूरी बना लेनी चाहिए।

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