तेलंगाना में सिकंदराबाद के परेड ग्राउंड पर पारंपरिक रूप से हर साल होने वाला समारोह इस बार भी नहीं हुआ। दो साल से कोरोना की वजह से बंद था, लेकिन इस बार राज्य के राज्यपाल तमिलिसाई सुंदरराजन और मुख्यमंत्री K. चंद्रशेखर राव के बीच का टकराव सार्वजनिक समारोह तौर पर गणतंत्र दिवस नहीं मनाए जाने का कारण बना। दरअसल राजभवन में झंडावंदन तो हुआ, लेकिन प्रोटोकॉल के तहत इसमें सीएम K. चंद्रशेखर राव नहीं पहुंचे बल्कि वह एक शिलान्यास कार्यक्रम में चले गए। जिसपर राज्यपाल ने नाराजगी जताई।
बता दें कि इस बार भी राज्य सरकार ने कोविड प्रोटोकॉल का हवाला देकर गणतंत्र समारोह को राजभवन में ही कराने की सूचना दी। जबकि केंद्र सरकार और तेलंगाना हाईकोर्ट ने समारोह को सार्वजनिक तौर पर आयोजित करने का निर्देश दिया था।
युवक ने राज्य सरकार के खिलाफ हाईकार्ट में दर्ज की याचिका
दरअसल तेलंगाना सरकार ने पिछले दिनों गणतंत्र दिवस कार्यक्रम राजभवन में ही आयोजित करने के लिए चिट्ठी लिखी थी। जिसपर हैदराबाद के एक युवक के. श्रीनिवास ने हाईकोर्ट में याचिका लगाते हुए अदालत को बताया कि सरकार ने सिकंदराबाद के परेड ग्राउंड में गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित करने की परंपरा को बंद कर दिया। उन्होंने तर्क देते हुए कहा कि यह गणतंत्र दिवस की भावना के खिलाफ है। याचिकाकर्ता के वकील ने कहा कि गणतंत्र दिवस समारोह उचित तरीके से आयोजित करने से लोगों में देशभक्ति की भावना का समावेश होता है। इसलिए राज्य सरकार को आदेश दिया जाए कि वह इसे पहले की तरह आयोजित करे।
केंद्र के दिशा-निर्देश के अनुसार करें कार्यक्रम- हाईकोर्ट
जिसके बाद तेलंगाना हाईकोर्ट ने 25 जनवरी को राज्य सरकार को केंद्र के दिशा-निर्देशों के अनुसार परेड और गणतंत्र दिवस समारोह आयोजित करने का आदेश दिया। इसके अलावा सरकार से कहा कि वह लोगों को समारोह देखने की अनुमति दे। लेकिन कोर्ट ने आयोजन स्थल का चुनाव राज्य सरकार पर छोड़ दिया था।
तेलंगाना के इतिहास में लिखा जाएगा CM नहीं आएं–राज्यपाल
राजभवन के कार्यक्रम में मुख्यमंत्री केसीआर के शामिल नहीं होने पर राज्यपाल ने नाराजगी जताते हुए कहा कि तेलंगाना के इतिहास में लिखा जाएगा कि सीएम ने संविधान का सम्मान नहीं किया। उन्होंने केंद्र सरकार के दिशा-निर्देशों को दरकिनार करते हुए सार्वजनिक कार्यक्रम नहीं किया। क्योंकि सीएम चाहते थे कि मैं राजभवन में ही झंडा फहराऊं, जिसमें कोई सार्वजनिक भागीदारी नहीं हो। मुझे उम्मीद थी कि मुख्यमंत्री कार्यक्रम में आएंग। क्योंकि दो महीने पहले मैंने उन्हें एक पत्र लिखा था कि इस बार जनभागीदारी से भव्य तरीके से कार्यक्रम का आयोजन किया जाए। लेकिन उन्होंने पत्र का जवाब नहीं दिया। अभी दो दिन पहले उन्होंने पत्र लिखा हुए मुझे कहा कि कार्यक्रम राजभवन में आयोजित किया जाए। उस पत्र में उन्होंने अपने शामिल होने को लेकर कुछ नहीं लिखा।
CM और राज्यपाल में टकराव का कारण
राज्यपाल मिलसाई बीजेपी से हैं। वह बीजेपी पार्टी की राष्ट्रीय सचिव और राज्य की प्रदेश अध्यक्ष रह चुकी हैं। वहीं सीएम केसीआर बीजेपी विरोधी पार्टी से हैं। जो लगातार मोदी सरकार की नीतियों का विरोध करते रहते हैं। इसके अलावा राज्य सरकार का कहना है कि राज्यपाल ने उनके कई विधेयक रोक रखे हैं। वह सरकार के काम में दखल देती हैं।
सैनिक स्मारक के शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे सीएम
CM के. चंद्रशेखर राव गणतंत्र दिवस के कार्यक्रम में शामिल न होकर सिकंदराबाद में विरुला सैनिक स्मारक मैदान के शिलान्यास कार्यक्रम में पहुंचे। बता दें कि तेलंगाना सरकार और राज्यपाल के बीच इन दिनों तनातनी चल रही है। इसलिए गणतंत्र दिवस पर राज्यपाल द्वारा पढ़े जाने वाले भाषण को भी सरकार द्वारा नहीं भेजा गया। वहीं इस बार बजट सत्र में भी राज्यपाल सदनों को संबोधित नहीं करेंगी।