यूपी के प्रयागराज में बीते 24 फरवरी को हुए उमेश पाल हत्या कांड के बाद से माफिया अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता परवीन और 5 लाख इनामी शूटर गुड्डू मुस्लिम की एसटीएफ सिद्दत से तलाश कर रही है। हालांकि, अभी तक पुलिस के हत्थे नहीं चढ़ पाए हैं। बताया जा रहा है कि शाइस्ता, उनकी बहन नूरी और बमबाज गुड्डू मुस्लिम साथ-साथ छिपे हैं। इससे पहले शाइस्ता के सरेंडर करने की संभावना जताई गई थी, लेकीन अभी तक उसने ऐसा नहीं किया है। हत्याकांड के बाद से अशरफ की पत्नी जैनब फातिमा, बहन आयशा नूरी और दो भांजियों समेत शूटर अरमान , साबिर और गुड्डू मुस्लिम सभी फरार हैं। सूत्रो के हवाले से खबर हैं कि दिल्ली या गुजरात में ये दोनों आरोपी सरेंडर कर सकते हैं।
पुलिस को शाइस्ता और गुड्डू मुस्लिम की शिद्दत से तलाश
वहीं पुलिस को शाइस्ता और गुड्डू मुस्लिम की शिद्दत से तलाश हैं। दरअसल, पुलिस को उम्मीद है कि शाइस्ता परवीन अपने पती अतीक के सारे राज जानती है। पुलिस को लगता है कि शाइस्ता गिरफ्तार होने के बाद देशभर में फैली अतीक की बेनामी संपत्तीयों से पर्दा उठाने में मदद मिलेगी, क्योंकी वह अतीक से मिलने अक्सर साबरमती जेल भी जाया करती थी। पुलिस का मानना है कि शाइस्ता उमेश पाल हत्याकांड की प्लानिंग में भी शामिल थी। लिहाजा, उसकी गिरफ्तारी के बाद पूछताछ से इस हत्याकांड की कई और जानकारी भी सामने आ रही है। इसी तरह गु्ड्डू मुस्लिम को भी अतीक का सबसे पुराना साथी माना जाता है।
अगर देखा जाए तो अतीक के गैंग में सबसे अनुभवी बताया जाता है। यह भी कहा जा रहा है कि अतीक की गिरफ्तारी के बाद वह अतीक की पत्नी और बेटों के लिए एक गाइड की तरह काम करता था। यानी की अतीक और अशरफ के ऐंकाउंटर के बाद भी गुड्डू ही एक ऐसा इंसान है जो शाइस्ता की हर तरफ से मदद कर रहा है। बता दें कि आज तीनो आरोपियों की रिमांड खत्म हो रही है और आज इन्हें कोर्ट में पेश किया जाएगा। कोर्ट ने तीनों आरोपियों को चार की रिमांच में भेजा था। लेकिन पुलिस को अब तक इस हत्या की ठोस वजह नहीं मिली है। यही नहीं शनिवार को पुलिस को रेलवे स्टेशन के पास बने होटल के एक कमरे से 2 मोबाइल फोन भी मिले, लेकिन अभी उन फोन्स का डाटा रिकवर किया जाना बाकी है।
अतीक- अशरफ हत्याकांड में 3 नहीं बल्कि 5 शूटर शामिल
सूत्रों के अनुसार, अतीक- अशरफ हत्याकांड में 3 नहीं बल्कि 5 शूटर शामिल थे। जब तीन आरोपियों ने अतीक-अशरफ पर गोलियां बरसाई तो हत्याकांड की जगह पर बैकअप में दो और लोग मौजूद थे। ये दो लोग इन तीनों को ना सिर्फ बैकअप दे रहे थे, बल्कि लगातार जरूरी निर्देश भी दे रहे थे। अब एसआईटी (SIT) हमलावरों के इन दोनों मददगारों की तलाश में जुटी हुई है। पुलिस के सूत्रों के मुताबिक, अतीक और अशरफ की हत्या से पहले तीनों आरोपियों ने ई-रिक्शा से घटनास्थल की रेकी की थी।