Obesity: आजकल बच्चों में मोटापा एक बड़ी समस्या बनकर उभर रहा है। इसका सबसे बड़ा कारण है शारीरिक गतिविधि में कमी और फास्ट फूड की बढ़ती आदत। बच्चे अब पहले की तरह बाहर खेलना छोड़कर मोबाइल, टीवी और ऑनलाइन क्लास में ज्यादा वक्त बिता रहे हैं। साथ ही जंक फूड, तली-भुनी चीजें और पैकेज्ड स्नैक्स का बढ़ता सेवन मोटापे को और बढ़ावा दे रहा है।
मानसिक सेहत पर भी असर डालता है मोटापा
कम उम्र में वजन बढ़ने का असर सिर्फ शरीर पर ही नहीं पड़ता, बल्कि यह मानसिक सेहत को भी नुकसान पहुंचाता है। ऐसे बच्चे अवसाद, तनाव और आत्म-विश्वास की कमी जैसी समस्याओं का शिकार हो सकते हैं। इसलिए यह ज़रूरी है कि माता-पिता बच्चों के वजन को लेकर सजग रहें और समय रहते जरूरी कदम उठाएं।
मोटापे से बचाव के आसान उपाय
मोटापा कोई लाइलाज समस्या नहीं है। कुछ आदतों को नियमित करके इसे रोका जा सकता है। नीचे कुछ आसान और असरदार उपाय दिए गए हैं।
नियमित शारीरिक गतिविधि: हर दिन कम से कम 30 से 45 मिनट तक दौड़ना, तेज चलना, योग, डांस या खेलकूद जैसी गतिविधियां करें।
संतुलित और घर का बना खाना:बच्चों को ताजे फल, हरी सब्जियां, दालें और कम तेल वाला खाना दें।
जंक फूड से दूरी, कोल्ड ड्रिंक: चिप्स, बिस्किट, केक जैसे पैकेज्ड खाने को कम से कम करें।
पर्याप्त नींद लें:बच्चों को रोज़ाना 7 से 8 घंटे की नींद मिलनी चाहिए ताकि शरीर और दिमाग दोनों आराम कर सकें।
स्क्रीन टाइम सीमित करें: मोबाइल, लैपटॉप और टीवी का इस्तेमाल सीमित रखें।
नाश्ता ज़रूर कराएं:दिन की शुरुआत पौष्टिक नाश्ते से करें जिसमें फल, दूध और अंडा या पोहा शामिल हो।
बचपन का मोटापा अगर समय पर काबू में न लिया जाए, तो यह आगे चलकर डायबिटीज, ब्लड प्रेशर और मानसिक बीमारियों का कारण बन सकता है। इसलिए जरूरी है कि बच्चे की दिनचर्या में संतुलन लाया जाए, फिजिकल एक्टिविटी बढ़ाई जाए और फास्ट फूड से दूरी बनाई जाए। छोटी-छोटी कोशिशें, बड़े बदलाव ला सकती हैं।
Disclaimer: यह लेख स्वास्थ्य विशेषज्ञों और मेडिकल रिपोर्ट्स के आधार पर तैयार किया गया है। news1india इसकी सटीकता की जिम्मेदारी नहीं लेता। किसी भी तरह की शंका या लक्षण होने पर डॉक्टर से सलाह जरूर लें।