एक बूंद खून बताएगी कैंसर का राज! एआई से होगी जानलेवा बीमारी की तुरंत पहचान

अब कैंसर की जांच करना पहले से कहीं ज्यादा आसान हो गया है, thanks to एक नया और स्मार्ट AI टूल ‘Fragle’। इसे सिंगापुर के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है और इसकी खासियत यह है कि यह सिर्फ खून की एक बूंद से कैंसर के संकेतों को पहचान सकता है। Fragle न सिर्फ बेहद तेज़ी से काम करता है, बल्कि यह जांच प्रक्रिया किफायती भी है।

Singapore Cancer Research

Singapore Cancer Research : कैंसर एक ऐसी गंभीर और जानलेवा बीमारी है, जिसकी चपेट में हर साल लाखों लोग आ रहे हैं। जैसे ही किसी को कैंसर का पता चलता है, उसकी ज़िंदगी एक डर और चिंता के साये में आ जाती है। इसका इलाज ही नहीं, बल्कि शुरुआती जांच भी बहुत महंगी और जटिल होती है। लेकिन अब एक नई तकनीक सामने आई है, जो कैंसर की जांच को न केवल आसान, बल्कि किफायती भी बना देगी।

आपको यह जानकर हैरानी होगी कि अब कैंसर का पता सिर्फ खून की एक बूंद से लगाया जा सकता है। यह संभव हुआ है एक बेहद उन्नत और स्मार्ट AI टूल ‘Fragle’ की मदद से, जिसे सिंगापुर के वैज्ञानिकों ने विकसित किया है। यह टूल खून में मौजूद बेहद सूक्ष्म कैंसर संकेतों की पहचान करता है और वो भी बेहद कम समय और खर्च में।

कैसे काम करता है Fragle?

हमारे खून में DNA के बेहद छोटे टुकड़े होते हैं। कैंसर होने की स्थिति में शरीर में ctDNA नामक ट्यूमर से जुड़े DNA के टुकड़े खून में आने लगते हैं। Fragle इन्हीं ctDNA टुकड़ों की लंबाई और पैटर्न को स्कैन करता है और यह पहचानता है कि उनमें कैंसर से जुड़े संकेत हैं या नहीं। यह प्रक्रिया लगभग वैसी ही है, जैसे कोविड के दौरान वैज्ञानिक पानी के सैंपल से वायरस की मौजूदगी का पता लगाते थे।

क्या बनाता है इसे खास?

Fragle से किया गया टेस्ट बाकी कैंसर टेस्टों के मुकाबले बेहद सस्ता और सरल है। जहां पारंपरिक जांचों में मरीज को 60,000 रुपये तक खर्च करने पड़ते थे, वहीं Fragle से कैंसर टेस्ट महज 3000 रुपये में हो सकता है। यह टेस्ट बार-बार किया जा सकता है और इसमें बहुत कम मात्रा में खून की जरूरत होती है, जिससे जांच का अनुभव भी आसान और दर्द रहित हो जाता है।

मरीजों को कैसे मिल रहा फायदा?

Fragle का सबसे बड़ा फायदा यह है कि इससे यह लगातार ट्रैक किया जा सकता है कि इलाज मरीज पर असर कर रहा है या नहीं। इसके साथ ही डॉक्टर यह भी जल्दी जान सकते हैं कि कैंसर दोबारा तो नहीं लौट रहा। यह एक सस्ता, तेज़ और सटीक तरीका है जिससे मरीजों को बार-बार महंगी और तकलीफदेह जांचों से नहीं गुजरना पड़ता। जी हां, फिलहाल सिंगापुर में Fragle का परीक्षण चल रहा है। वहां 100 से अधिक कैंसर मरीजों पर हर दो महीने में इसका उपयोग किया जा रहा है।

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डॉक्टर लगातार यह देख रहे हैं कि ctDNA में क्या बदलाव हो रहे हैं और मरीजों की बॉडी इलाज पर कैसे प्रतिक्रिया दे रही है। इस प्रोजेक्ट के प्रमुख वैज्ञानिक डॉ. वान यू का कहना है कि उनका लक्ष्य Fragle को दुनिया भर के अस्पतालों तक पहुंचाना है, ताकि हर कैंसर मरीज को किफायती और बेहतर देखभाल मिल सके। उनका मानना है कि यह तकनीक इलाज की दिशा में एक क्रांतिकारी बदलाव ला सकती है और भविष्य में कैंसर को शुरुआती स्टेज में पकड़ने में बड़ी भूमिका निभा सकती है।

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