लखनऊ में भारी बारिश के बीच गिरे विशाल पेड़ ने ली एक जान, 4 घायल

लखनऊ के कैसरबाग क्षेत्र स्थित मछली मंडी में एक पीपल का विशाल पेड़ गिरने से एक बुजुर्ग व्यक्ति की जान चली गई, जबकि चार अन्य लोग घायल हो गए। घटना की जानकारी मिलते ही उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक मौके पर पहुंचे और घायलों को हर संभव सहायता व इलाज उपलब्ध कराने का आश्वासन दिया।

Lucknow News

Lucknow News : उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ में मंगलवार को हुई तेज़ बारिश ने एक बड़ा हादसा करा दिया। कैसरबाग थाना क्षेत्र की मछली मंडी में एक पुराना पीपल का पेड़ अचानक भरभराकर गिर पड़ा, जिससे मौके पर अफरा-तफरी मच गई। इस हादसे में एक 70 वर्षीय बुजुर्ग की मौके पर ही मौत हो गई, जबकि चार अन्य लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। सभी घायलों को तुंरत एंबुलेंस के जरिए बलरामपुर अस्पताल भेजा गया, जहां उनका इलाज जारी है।

हादसे से मंडी में मचा हड़कंप

दोपहर के वक्त जब बाजार में हलचल थी, तभी अचानक विशालकाय पीपल का पेड़ गिरा और इसकी चपेट में एक घर की दीवार, टिन शेड और कुछ दुकानें आ गईं। इस हादसे में कई लोग दब गए। स्थानीय लोगों ने फौरन पुलिस को सूचना दी। कैसरबाग थाने की पुलिस मौके पर पहुंची और दमकल विभाग की मदद से राहत और बचाव अभियान शुरू किया गया।

मृतक और घायलों की पहचान

पेड़ के नीचे दबने से शिवलोक त्रिवेणीनगर, थाना अलीगंज निवासी रामू देवनाथ (70) की मौत हो गई। घायलों में रिजवान (25), शोएब (27), अरमान रसूल (34) — ये तीनों कैसरबाग के ही निवासी हैं। इसके अलावा अभिषेक यादव (25), जो मलिहाबाद के बहलिया इलाके के रहने वाले हैं, वे भी गंभीर रूप से घायल हुए हैं।

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हादसे की खबर मिलते ही उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक घटनास्थल पर पहुंचे। उन्होंने मौके का मुआयना किया और राहत-बचाव कार्य में जुटे अधिकारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। डिप्टी सीएम ने प्रत्यक्षदर्शियों से बातचीत कर घटना की जानकारी ली और प्रशासन को तेजी से कार्रवाई के निर्देश दिए।

अस्पताल जाकर घायलों से की मुलाकात

डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक बलरामपुर अस्पताल पहुंचे और घायलों का हाल जाना। उन्होंने परिजनों को हर संभव सहायता का भरोसा दिलाया और बताया कि घायलों की हालत अब स्थिर है। साथ ही उन्होंने जिला प्रशासन, नगर निगम और वन विभाग को निर्देश दिया कि शहर भर में पुराने और जर्जर पेड़ों की पहचान कर उन्हें नियमानुसार हटाया जाए, ताकि भविष्य में इस तरह की घटनाओं की पुनरावृत्ति न हो।

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