fatty liver in youngsters: आजकल की तेज़ रफ्तार जिंदगी ने हमारी जीवनशैली और खाने-पीने की आदतों को पूरी तरह बदल दिया है। पहले जहाँ 50 की उम्र के बाद लोग बीमारियों से परेशान होते थे, वहीं अब 20-30 साल के युवा भी गंभीर बीमारियों का सामना कर रहे हैं। ऐसी ही एक बीमारी है फैटी लिवर, जो अब युवाओं में तेजी से बढ़ रही है। हर 10 में से करीब 3 युवा इसकी चपेट में आ रहे हैं, और यह समस्या सिर्फ किसी एक राज्य की नहीं, बल्कि पूरे देश की बन चुकी है।
खाने-पीने की गलत आदतें
फैटी लिवर का सबसे बड़ा कारण है बिगड़ा हुआ खानपान। आजकल के युवा हेल्दी खाना छोड़कर फास्ट फूड, जंक फूड, तला-भुना और मीठा ज़्यादा खा रहे हैं। केक, पेस्ट्री, चॉकलेट जैसे बेकरी आइटम जिनमें चीनी और मैदा भरपूर होता है, ये सब फैटी लिवर को बढ़ावा देते हैं। ज्यादा मीठा और तैलीय खाना शरीर में वसा बढ़ाता है, जो धीरे-धीरे लिवर पर जमा होने लगता है और फैटी लिवर का रूप ले लेता है।
शराब और नशे की लत
कई युवा दिखावे या आदत के कारण शराब का सेवन करने लगते हैं। शराब लिवर पर सीधा असर डालती है और अगर लंबे समय तक पी जाए तो लिवर में चर्बी जमा होने लगती है। नशे की लत भी इस बीमारी की एक अहम वजह है।
शारीरिक गतिविधि की कमी
आजकल बच्चे और युवा मोबाइल, वीडियो गेम और सोशल मीडिया में इतने व्यस्त रहते हैं कि शारीरिक एक्टिविटी बहुत कम हो गई है। ना पैदल चलना, ना साइकिल चलाना, ना खेलना-कूदना इस वजह से शरीर में कैलोरी खर्च नहीं हो पाती और फैट जमा होने लगता है। जब शरीर में फैट बढ़ता है, तो लिवर भी उसकी चपेट में आ जाता है।
तनाव और नींद की कमी
आज के युवा करियर, पढ़ाई और रिश्तों को लेकर काफी तनाव में रहते हैं। ऊपर से पर्याप्त नींद भी नहीं लेते। ये दोनों चीजें भी शरीर के मेटाबॉलिज्म को बिगाड़ती हैं और लिवर पर असर डालती हैं। साथ ही, जिम में बिना डॉक्टरी सलाह लिए सप्लीमेंट्स और स्टेरॉयड लेना भी लिवर को नुकसान पहुंचाता है।
कैसे बचें इस बीमारी से?
फैटी लिवर से बचने का सबसे अच्छा तरीका है संतुलित जीवनशैली अपनाना। हेल्दी खाना, समय पर खाना, रोज़ थोड़ी-बहुत शारीरिक गतिविधि करना, शराब और नशे से दूरी बनाना और तनाव कम करने की कोशिश करना बेहद ज़रूरी है। नींद पूरी लेना और जरूरत पड़ने पर डॉक्टर से सलाह लेना भी इस बीमारी से बचाव में मदद कर सकता है।