नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट में 9 अक्टूबर यानी सोमवार को कांग्रेस नेता सोनिया गांधी, राहुल गांधी और प्रियंका वाड्रा की इनकम टैक्स असेसमेंट से जुड़े केस पर सुनवाई होगी। इन सभी नेताओं ने अपने 2018-19 के आयकर असेसमेंट को इनकम टैक्स के केंद्रीय सर्किल में ट्रांसफर करने के फैसले को चुनौती दी है। इसी तरह की याचिका आम आदमी पार्टी (AAP) ने भी दाखिल की है। इस मामले को लेकर अदालत ने अलग से सुनवाई करने का आदेश दिया है।
केंद्रीय सर्किल जांच की अवश्यक्ता
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले 3 अक्टूबर को संक्षिप्त सुनवाई के वक्त कहा था कि ये मामला ट्रांसफर करना इनकम टैक्स के अधिकार क्षेत्र में है। हम सिर्फ कानूनी प्रावधान देखेंगे। अगर क्रॉस ट्रांजेक्शन हुए हैं तो केंद्रीय सर्किल की जांच की आवश्यक्ता पड़ सकती है। इस मामले को लेकर गांधी परिवार की तरफ से पेश वकील अरविंद दातार का कहना है कि संजय भंडारी मामले की सर्च की गई तो सभी मामलों को एक साथ जोड़ दिया गया क्योंकि रॉबर्ट वाड्रा इनके दामाद हैं। दूसरी तरफ इससे पहले AAP की याचिका को लेकर न्यायाधीश संजीव खन्ना का कहना था कि अपील दायर करने में 5 महीने का समय क्यों लगा, इसका मतलब ये है की आदेश लेने के बाद आप सोते रहे।
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आर्म्स डीलर संजय भंडारी से जुड़ा है पूरा मामला
2018-19 का आयकर असेसमेंट आर्म्स डीलर संजय भंडारी से जुड़ा है। कई मामलों में वांछित आरोपी संजय भंडारी को रॉबर्ट वाड्रा का करीबी माना जाता है। रॉबर्ट वाड्रा ने आरोपी से किसी भी तरह का संबंध होने से इनकार कर दिया है। इससे पहले दिल्ली हाई कोर्ट ने उनकी याचिका को खारिज कर दी थी।
हाई कोर्ट ने खारिज की 5 ट्रस्टों की याचिका
हाई कोर्ट ने कहा था कि आयकर विभाग ने नियमों के अनुसार ही फैसला लिया है। दिल्ली हाईकोर्ट ने गांधी परिवार के पांच ट्रस्टों की उन याचिकाओं को खारिज किया गया था, इस फैसले में फेसलेस मूल्याकंन से इनकम टैक्स के केंद्रीय सर्किल में आयकर विभाग द्वारा ट्रांसफर करने के आदेश को चुनौती दी गई थी.