नई दिल्ली। विपक्षी गठबंधन I.N.D.I.A में सीट बंटवारे को लेकर एक बड़ी घोषणा अभी भी बाकी है। इस बीच, ऐसी खबरें आई हैं कि गठबंधन के भीतर कुछ दल, जिनमें केरल और पंजाब जैसे राज्य भी शामिल हैं, सीट-बंटवारे के फॉर्मूले पर सहमत होने के लिए अनिच्छुक हैं। हालांकि इस मामले पर पार्टियों की ओर से कोई आधिकारिक पुष्टि नहीं हुई है, लेकिन अनुमान लगाया जा रहा है कि विपक्षी दल 2024 के लोकसभा चुनावों के लिए हर निर्वाचन क्षेत्र में संयुक्त उम्मीदवार उतारने पर सहमत हो गए हैं।
गैर-I.N.D.I.A दलों को मजबूत होने से रोकने का प्रयास
अंदरूनी सूत्रों के मुताबिक, विपक्षी दलों ने फैसला किया है कि जिन राज्यों में गैर-‘I.N.D.I.A’ दल कमजोर हैं या विपक्षी उम्मीदवार को हराने में असमर्थ हैं, वहां सीट-बंटवारे का फॉर्मूला लागू नहीं होगा। ऐसे मामलों में, पार्टियाँ कुछ राज्यों में अपने उम्मीदवार उतार सकती हैं। माना जा रहा है कि यह कदम गैर-‘I.N.D.I.A’ पार्टियों को मजबूत विपक्षी ताकतों के रूप में उभरने से रोकेगा।
वाम शासित केरल में कांग्रेस प्रमुख विपक्षी दल है और किसी तीसरे दल का प्रवेश चुनौतीपूर्ण है। इस बीच, पंजाब में, जहां आम आदमी पार्टी (आप) और कांग्रेस की मजबूत उपस्थिति है, दोनों दलों के बीच समझौते की संभावना सीमित है। पश्चिम बंगाल में कांग्रेस और वाम दलों के सहयोग की उम्मीद है, हालांकि दोनों दलों के तृणमूल कांग्रेस के साथ गठबंधन की संभावना कम है। इन राज्यों में विपक्षी दलों के बीच अभी भी अनौपचारिक समझौते हो सकते हैं।
उत्तर भारत पर ज्यादा ध्यान !
गौरतलब है कि ‘इंडिया’ गठबंधन मुख्य रूप से दिल्ली, गुजरात, महाराष्ट्र, उत्तर प्रदेश, बिहार, झारखंड, तमिलनाडु और जम्मू-कश्मीर में चर्चा पर ध्यान केंद्रित कर रहा है। हाल ही में महाराष्ट्र के मुंबई में एक बैठक हुई, जिसमें 28 पार्टियों के 60 से ज्यादा नेता शामिल हुए। अटकलें लगाई जा रही थीं कि बैठक के दौरान ‘इंडिया’ गठबंधन तमाम बातें जैसे गठबंधन का LOGO, सीट शेयरिंग फॉर्मूला आदि की घोषणा कर सकता है।
भाजपा के लिए चुनौती या राह होगी आसान?
यह घटनाक्रम भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के लिए एक चुनौती है, क्योंकि वह दक्षिणी राज्यों में अपनी उपस्थिति बढ़ाने के प्रयास जारी रखे हुए है। इस साल की शुरुआत में पार्टी को कर्नाटक में झटका लगा था। इसके विपरीत, भाजपा पश्चिम बंगाल में मुख्य विपक्षी दल बनी हुई है, जबकि 2022 के पंजाब विधानसभा चुनाव में वह केवल दो सीटें हासिल करने में सफल रही। हालांकि, कांग्रेस की हार के बाद प्रदेश कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष सुनील जाखड़ समेत कई प्रमुख हस्तियां पार्टी में शामिल हो गई हैं।