बॉम्बे हाई कोर्ट ने वीडियोकॉन के फाउंडर वेणुगोपाल धूत को अंतरिम जमानत दे दी है। 26 दिसंबर 2022 को सीबीआई ने धूत को गिरफ्तार किया था। बता दें कि 13 जनवरी 2023 को आईसीआईसीआई बैंक लोन घोटाले मामले में सीबीआई के जवाब दाखिल करने के बाद बॉम्बे हाई कोर्ट ने अपना आदेश सुरक्षित रख लिया था।
26 दिसंबर को हुई थी गिरफ्तारी
इससे पहले इसी खंडपीठ ने आईसीआईसीआई बैंक की पूर्व एमडी और सीईओ चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को 9 जनवरी को जमानत दी थी। सेंट्रल इंवेस्टिगेशन ब्यूरो ने बैंक लोन घोटलाा मामले में पहले चंदा कोचर और उनके पति दीपक कोचर को गिरफ्तार किया था। इसके बाद सीबीआई ने वेणुगोपाल धूत की 26 दिसंबर को गिरफ्तारी की गई थी। चंदा कोचर और दीपक कोचर को जमानत मिलने के बाद आज वेणुगोपाल धूत को भी जमानत मिल गई है।
वीडियोकॉन ग्रुप को 3250 करोड़ रुपये का दिया कर्ज
दरअसल, सीबीआई का आरोप है कि 2012 में चंदा कोचर के नेतृत्व में आईसीआईसीआई बैंक ने वीडियोकॉन ग्रुप को 3250 करोड़ रुपये का कर्ज दिया। उसके बाद वेणुगोपाल धूत की अध्यक्षता वाली सुप्रीम एनर्जी ने मैसर्स न्यूपॉवर रिन्यूएबल्स को 64 करोड़ रुपये का कर्ज दिया। इस कंपनी में दीपक कोचर की 50 फीसदी हिस्सेदारी थी।
आईसीआईसीआई बैंक और वीडियोकॉन के शेयरधारक अरविंद गुप्ता ने प्रधानमंत्री, रिजर्व बैंक और सेबी को पत्र लिखकर विस्तार से बताया कि किस तरह वीडियोकॉन के चेयरमैन वेणुगोपाल धूत को आईसीआईसीआई की सीईओ और एमडी चंदा कोचर ने लोन मामले में फायदा पहुंचाया। अरविंद गुप्ता के पत्र के बाद इस मामले की गहन छानबीन सीबीआई कर रही है।