70 साल बाद देश में चीतों की दहाड़ फिर सुनाई देगी। आप सोच रहे होंगे चीते कबसे दहाड़ने लगे। लेकिन ये कलयुग है और यहां कुछ भी हो सकता है। दरअसल 17 सितंबर को पीएम मोदी ने अपनी जन्मदिन पर नामीबिया से लाए गए 8 चीतों को मध्यप्रदेश के कूनो नेशनल पार्क में छोड़ा है। लेकिन चीतों के आने से राजनीतिक गलियारों में भी हलचल मच गई है।
अपने जाल में फंसे युवक
आपको बता दें कि समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव ने चीतों को लेकर पीएम मोदी पर निशाना साधने की कोशिश की थी। लेकिन वो क्या जानते थे वह खुद ही अपने बिछाए जाल में फंस जाएंगे। जहां से उसे निकलना मुश्किल हो जाएगा।
जरा इस वीडियो पर नजर डालिए जो सपा अध्यक्ष ने शेयर की है। इस वीडियो में नामीबिया से भारत लाया गया एक चीता दिखाई दे रहा है। ये चीता हल्की फूस पर बैठा है और एक हवादार बक्से में बंद है।
सबको इंतजार था दहाड़ का
अब जरा इस चीते की आवाज पर ध्यान दिजिए। इसकी आवाज बिल्ली जैसी है। इसे सुनकर अखिलेश यादव को लगा की यह बीजेपी पर तंज कसने का अच्छा मौका है। जिसके चलते उन्होंने एक ट्वीट किया। उन्होंने लिखा की कि “सबको इंतज़ार था दहाड़ का, पर ये तो निकला बिल्ली मौसी के परिवार का।”
इस ट्वीट ने अब आग पकड़ ली है और लोगों ने इसका जवाब लोगों ने कुछ इस तरह दिया है कि अखिलेश की बोलती ही बंद हो गई। किसी ने लिखा कि 70 साल बाद चीते भारत आए है। आपके पास अच्छा मौका है चीतों के बारे में जानकारी प्राप्त करने का। वहीं एक यूजर ने लिखा चिता दहाड़ता है आज पता लगा।
एक यूजर ने तो लिखा की गंगा बोल के नाले में कूदा दिया, चिता बोल के बिल्ली दमा दिया। इसी बीच एक ने लिखा की तुम्हें पता नहीं शेर दहाड़ते है चिते नहीं। लगता है पप्पू के साथ रह रह कर तुम डबल पप्पू हो गए हो।
एक यूजर ने ते गजब ही कर दिया। उसने लिखा कि कुछ लोग मोदी विरोध के नाम पर चीेेते की भी दहाड़ सुनना चाहतें हैं। भले लोग नेशनल geographical को दुनिया भर में कहीं भी भूत या भविष्य में दहाड़ता हुआ चीता मिले तो तुरंत सूचित करें।
चीते की दहाड़ का तो पता नहीं पर लोगों की दहाड़ यहीं खत्म नहीं हुुई।
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