Navratri 2022: चैत्र मास की प्रतिपदा तिथि के साथ नवरात्रि की शुरुआत हो रही हैं। इस साल चैत्र नवरात्रि 2 अप्रैल से शुरू हो रहे हैं जो 11 अप्रैल को रामनवमी के साथ समाप्त होंगे। शास्त्रों के अनुसार इस बार मां दुर्गा धरती पर घोड़े में सवार होकर आ रही हैं। शास्त्रों के अनुसार, मां दुर्गा नवरात्रि के पहले दिन अलग-अलग वाहनों पर सवार होकर आती हैं और अपने भक्तों को आशीर्वाद देती हैं। आपको बताते है कि आखिर आप किस प्रकार माता की पूजा-अर्चना करके उन्हें खुश कर सकते है…
विवाह में बाधा निदान के लिए
जिन लड़कों के विवाह में बाधा आ रही हो उनके लिए दुर्गा सप्तशती में विशेष मंत्र दिया गया है। यह मंत्र है ‘पत्नी मनोरमां देहि! मनो वृत्तानु सारिणीम तारिणीम दुर्ग संसार सागरस्य कुलोद्भवाम।’ इस मंत्र के जप से सुन्दर और योग्य जीवनसाथी जल्द ही प्राप्त हो जाता है। जो कुंवारी कन्याएं हैं, उन्हें ‘ऊं कात्यायनी महामाये महायोगिन्य धीश्वरी! नंद गोप सुतं देवी पतिं मे कुरुते नमः मंत्र का जाप करना चाहिए। उनके ऐसा करने से उन्हें जल्द ही एक सुयोग्य पति की प्राप्ति हो सकती है।
कर्ज से मिलेगी मुक्ति
जो लोग कर्ज से परेशान हैं वो लोग लक्ष्मी प्राप्ति और कर्ज से मुक्ति पाने के लिए मां दुर्गा के इस मंत्र का जाप करें। ‘या देवि! सर्वभूतेषु लक्ष्मीरूपेण संस्थिता! नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः!’ इस मंत्र का जप करें।
परिवार में शांति स्थापना के लिए
जिनके घर परिवार में अक्सर तनाव बना रहता है या फिर छोटी-छोटी बातों को लेकर अक्सर विवाद होता रहता है।उन लोगों को नवरात्र के दिनों में माता से पारिवारिक सुख-शांति की प्रार्थना करनी चाहिए।
दुर्गा सप्तशती में पारिवारिक एवं मानसिक शांति बनाए रखने के लिए इस मंत्र का जाप करने के लिए कहा गया है। ‘या देवि! सर्वभूतेषु शांति रूपेण संस्थिता! नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमस्तस्यै नमो नमः!’ इस मंत्र के जाप से माता की कृपा घर पर बनी रहती है। इसके अलावा जाप करने वाले व्यक्ति को मानसिक शांति भी मिलती है।
विद्या की देवी सरस्वती को करे खुश
विद्या की देवी सरस्वती हैं। इसलिए विद्यार्थियों को नवरात्र में देवी सरस्वती का ध्यान करना चाहिए। विद्यार्थी वर्ग या ऐसे लोग जिनकी जन्मकुंडली में गोचर में राहु अशुभ हों, उनकी दशा, अंतर्दशा अथवा प्रत्यंतर दशा चल रही हो, वे सभी ‘ऊं ऐं हृं क्लीं महासरस्वती देव्यै नमः’ मंत्र पढ़ते हुए माता दुर्गा की पूजा एवं जाप करें। प्रतिदिन इस मंत्र का जाप करने से ज्ञान बढ़ता है, बुद्धि कुशाग्र होती है और स्मरण शक्ति बढ़ती है।