नई दिल्ली: पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की कुर्सी खतरे में है। रविवार को उन्हें संसद में अपना बहुमत भी साबित करना है। ऐसे में पाकिस्तान में महिला नेताओं की राजनीति की चर्चा जोरों पर है। आपको बताते है पाक की ऐसी ही पावरफुल महिला नेताओं के बारे में…
मरियम नवाज
मरियम नवाज पाकिस्तान में इमरान खान को कड़ी टक्कर दे रहीं हैं। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ की बेटी के तौर पर राजनीति में आईं मरियम ने पाकिस्तान के पंजाब यूनिवर्सिटी से इंग्लिश लिटरेचर में मास्टर डिग्री हासिल करने के बाद 2012 में राजनीति में कदम रखा। अभी मरियम पाकिस्तान मुस्लिम लीग नवाज (पीएमएल-एन) की उपाध्यक्ष हैं। मरियम न्यूयॉर्क टाइम्स की 11 शक्तिशाली महिलाओं की सूची में अपना नाम दर्ज करा चुकी हैं।
कशमाला तारिक
पाकिस्तानी लीडर के तौर पर पहचान बना चुकीं कशमाला तारिक महिला उत्पीड़न विरोधी केंद्रीय लोकपाल की अध्यक्ष हैं। वह 2018 से यह जिम्मेदारी संभाल रही हैं। इससे पहले, वह पाकिस्तान मुस्लिम लीग (क्यू) (पीएमएल-क्यू) के उम्मीदवार के तौर पर 2002-13 तक पाकिस्तान की नेशनल असेंबली की सदस्य रहीं। पाकिस्तान में महिलाओं को सशक्त करने में कशमाला तारीक लगातार अपनी अहम भूमिका अदा कर रही हैं।
हीर इस्माइल
पाकिस्तान के सिंध प्रांत की हीर इस्माइल सोहो को पाकिस्तान की पहली वुमन ट्राइबल चीफ के तौर पर चुना गया है। सोहो कबीला से ताल्लुक रखने वालीं हीर इस्माइल के पिता मुहम्मद इस्माइल सोहो की इसी साल फरवरी में कोरोना संक्रमण से मौत हो गई थी। इसके बाद सोहो कबीला नेतृत्व विहीन हो गया था। ऐसे में हीर इस्माइल ने कबीले की जिम्मेदारी संभाली। हीर इस जिम्मेदारी को बखूबी निभा रही हैं।
आयला मलिक
पॉलिटिकल लीडर और जर्नलिस्ट आयला मलिक पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की पार्टी तहरीक ए पाकिस्तान के लिए काम करती हैं। मियांवाली में आयला ने इमरान खान के लिए कैंपेन मैनेजर के तौर पर काम किया था। जहां पार्टी ने सभी सीटें जीती थीं। इसके बाद से उनकी एक अलग पहचान बन गई। आयला मलिक पाकिस्तान में राष्ट्रपति रहे सरदार फारूक अहमद खान लेघारी की भतीजी हैं। आयला एक जर्नलिस्ट के तौर काम कर चुकी हैं।
शाजिया मर्री
पाकिस्तान पीपल्स पार्टी की नेता के तौर पर शाजिया मर्री ने सिंध प्रांत से दो बार चुनाव जीता। वह 2002 में पहली बार और फिर 2008 में दोबारा सिंध विधानसभा से पीपीपी के टिकट पर चुनी गई थीं। जब शाजिया को सूचना एवं इलेक्ट्रिक पावर मंत्री बनाया गया तो उन्हें काफी वाहवाही मिली।
सासुई पालिजो
सासुई पलीजो पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की मेंबर होने के साथ-साथ एक कॉलम्निस्ट के तौर पर पहचानी जाती हैं। वे पाकिस्तान के सिंध प्रांत की रहने वाली हैं। सासुई साल 2018 में पाकिस्तान की संसद की स्टैंडिंग कमेटी की चेयरमैन भी रह चुकी हैं। परवेज मुशर्रफ के सैनिक का विरोध करते हुए सासुई जेल गईं। साल 2009 में मुशर्रफ ने जब हिंदू जिमखाना को नेशनल एकेडमी ऑफ परफॉर्मिंग आर्ट को सुपुर्द कर दिया तो सासुई ने हिंदू समुदाय की पैरवी की।
सुमायरा मलिक
सुमायरा मलिक पाकिस्तानी पॉलिटिकल लीडर, सोशल एक्टिविस्ट और मानवाधिकार पर काम करने के लिए जानी जाती हैं। हालांकि, शुरुआत में अपने बाप-दादाओं की औलाद का तमगा लेकर राजनीति में उतरी सुमायरा ने खुद के काम से जता दिया कि उन्हें किसी तमगे की जरूरत नहीं। सुमायरा ने पाकिस्तान की सियासत को परखते हुए तीन बार चुनाव जीते और मंत्री पद पर भी काम करके दिखाया।