नई दिल्ली। भारतीय सेना ने उत्तरी सिक्किम में चीन के साथ पूर्वोत्तर सीमा पर एकीकृत युद्ध समूह (आईबीजी) की तैनाती कर दी है। भारतीय सेना ने सभी पर्वतीय कोर और डिवीजनों को आईबीजी में बदल दिया है। माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प को ऊंचे इलाकों में युद्ध लड़ने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है। अब इसे छोटे-छोटे युद्धक समूहों में परिवर्तित करके ‘बैटल ग्रुप’ के रूप में तैनात किया जा रहा है ताकि दुश्मन के किसी भी दुस्साहस पर त्वरित प्रतिक्रिया दी जा सके।
चार समूह तैयार किए जा चुके हैं
अब तक कम से कम चार समूह तैयार किए जा चुके हैं जिनकी संख्या भविष्य में और बढ़ाई जाएगी। भारतीय सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम में चीन ने एलएसी के निकट हाल में अपने सैनिकों का जमावड़ा बढ़ाया है और बुनियादी सैन्य संरचना में भी बढ़ोतरी की है। इसके जवाब में भारतीय सेना ने माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प को ‘बैटल ग्रुप’ में परिवर्तित करके तैनाती की है। सेना की ‘ब्रह्मास्त्र’ माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प्स के यह वही जांबाज जवान हैं जिन्होंने पिछले साल अगस्त में पैन्गोंग झील के दक्षिणी और कैलाश रेंज की पहाड़ियों को अपने कब्जे में लेकर चीन को चौंका दिया था।
माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प अब अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम से लगती एलएसी पर तैनात
माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प अब अरुणाचल प्रदेश और सिक्किम से लगती एलएसी पर पूरी तरह से ध्यान दे रही है। पश्चिमी क्षेत्र लद्दाख एवं अन्य इलाकों में दूसरे कॉर्प को तैनात किया गया है। भारत में सात अलग-अलग कोर के तहत 13 पर्वतीय प्रभाग हैं। सभी डिवीजनों में दो लाख से अधिक सैनिक शामिल हैं। माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प को ऊंचे इलाकों में युद्ध लड़ने के लिए विशेष रूप से प्रशिक्षित किया गया है। माउंटेन स्ट्राइक कॉर्प और एकीकृत युद्धक समूहों ने हाल में अरुणाचल प्रदेश के ऊंचे इलाकों में युद्धाभ्यास भी किया था।
आईबीजी सैनिक एकीकरण पर चर्चा और प्रदर्शन करने के लिए आयोजित किया
सेना के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि यह अभ्यास भविष्य की लड़ाइयों के लिए रणनीति, उद्देश्यों, तालमेल और आईबीजी सैनिक एकीकरण पर चर्चा और प्रदर्शन करने के लिए आयोजित किया गया था। सूत्रों के मुताबिक अभी तक सेना की तैनाती बटालियन के रूप में होती थी जिसमें दस हजार से ज्यादा जवान होते थे, लेकिन अब एकीकृत युद्धक समूहों का आकार छोटा करके फिलहाल प्रत्येक समूह में करीब चार हजार सैनिकों की संख्या रखी गई है। इन्हें 10-12 घंटे के भीतर युद्ध के लिए तैयार कर लिया जाता है, जबकि बटालियन को तैयार करने में दो दिन तक का समय लगता था।