नई दिल्ली। रेलवे बोर्ड अक्टूबर के महीने में रेलवे का नया टाइम टेबल लागू करने जा रहा है। रेलवे का नया टाइम टेबल लागू होने के बाद ट्रेनों के टाइम में बड़ा बदलाव हो सकता है। 1500 से कम आय वाले स्टेशनों पर एक्सप्रेस ट्रेनों को स्टॉपेज नहीं दिया जाएगा। मकसद ट्रेनों की रफ्तार बढ़ाना है। रेलमार्गों पर डबलिंग और विद्युतीकरण से भी ट्रेनों की रफ्तार बढ़ेगी। यात्रियों का कहना है कि बढ़िया ट्रैक के बावजूद ट्रेनों के बीच रनिंग टाइम कहीं ज्यादा है।
395 किमी की दूरी दस घंटे में पूरी
आपको बता दें कि दो साल बाद रेलवे का नया टाइम टेबल लागू हो रहा है। इससे पहले 2021 में आया था पर स्पेशल ट्रेनों के चलते यह वर्किंग टाइम टेबल था। एक साल के भीतर रेलवे में ट्रैक व अन्य सिग्नलिंग व इलेक्ट्रीफिकेशन आदि के भरपूर काम मंडलों में हुए हैं। मुरादाबाद मंडल भी इलेक्ट्रीफाइड हुआ है।
वहीं रेल प्रशासन ने कोरोना काल से पहले चल रही पुरानी एक्सप्रेस को नया रूप देते हुए जनशताब्दी एक्सप्रेस का दर्जा दिया है। इससे रेल किराये में बदलाव हुआ है। तमाम छोटे स्टेशनों पर रूक रही ट्रेनो से रनिंग टाइम बढ़ा हुआ है। माना जा रहा है कि स्टेशनों पर जहां कम आय हो रही है। वहां के स्टॉपेज खत्म किए जा सकते हैं। इसमेंं पूर्णागिरी एक्सप्रेस का भी नाम है। टनकपुर से दिल्ली के बीच चलने वाली यह ट्रेन 395 किमी की दूरी दस घंटे में पूरी करती है।
नया टाइम टेबल एक अक्टूबर से लागू
जानकारी के मुताबिक रोजा से सीतापुर और लक्सर हरिद्वार के बीच-बीच डबलिंग हुई है। ऐसे में आने वाले नए टाइम टेबल में बदलाव की तमाम संभावनाएं हैं। नया टाइम टेबल एक अक्टूबर से लागू होगा। इसके लिए अभी से तैयारी शुरू हो गई है। जानकारों की माने तो रेलवे का मकसद ट्रेनों की स्पीड बढ़ाना है।