Argentina Vice President Attacked: अर्जेंटीना की उपराष्ट्रपति क्रिस्टीना फर्नांडीज डी किर्चनेर पर गुरुवार को जानलेवा हमले की कोशिश नाकाम हो गई. उनको एक शख्स ने पास से गोली मारने की कोशिश की है. स्थानीय टेलीविजन की फुटेज में नजर आ रहा है कि उपराष्ट्रपति इस घटना में सुरक्षित हैं और गोली चलने से पहले ही हमले को नाकाम कर दिया गया. 35 साल के हमलावर को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है.
हत्या के इस प्रयास में क्रिस्टीना को कोई चोटें नहीं आई हैं और वह बिल्कुल ठीक हैं। 69 साल की उप राष्ट्रपति पर भ्रष्टाचार के आरोप लगे हैं। देश की राष्ट्रपति रहते हुए भी क्रिस्टीना को भ्रष्टाचार के कई आरोपों का सामना करना पड़ा था। कुछ दिनों पहले अर्जेंटीना में क्रिस्टीना के हजारों समर्थकों ने एक रैली निकाली थी। वे उप राष्ट्रपति के घर के बाहर इकट्ठा हुए थे। उन्होंने बैरियर्स तोड़े और पुलिस के साथ भिड़ गए। झड़प में कई पुलिसकर्मी घायल हुए थे और चार प्रदर्शनकारियों को गिरफ्तार किया गया था।
क्रिस्टीना पर हमले का वीडियो सोशल मीडिया पर मौजूद है। वीडियो में देखा जा सकता है कि क्रिस्टीना पर हमला तब हुआ जब वह लोगों से मिल रही थीं। हाथ मिलाते हुए जब वह आगे बढ़ रही थीं तभी भीड़ से एक शख्स बंदूक लेकर उनकी तरफ लपका। उसकी गन का निशाना क्रिस्टीना के माथे पर था लेकिन आखिरी वक्त पर उसकी बंदूक फंस गई और क्रिस्टीना पीछे हट गईं। क्रिस्टीना की खुशकिस्मती रही कि हमले में वह बच गईं और उन्हें कोई चोट नहीं आई।
भ्रष्टाचार और धोखाधड़ी के आरोपों से जूझ रहीं क्रिस्टीना के लिए प्रॉसिक्यूटर 12 साल जेल की सजा की मांग कर रहे हैं। उन पर 2007 से 2015 के बीच राष्ट्रपति रहते हुए सरकारी पैसे को डायवर्ट की एक योजना में शामिल होने का आरोप है। लेकिन अर्जेंटीना में उनके लिए जबरदस्त समर्थन भी देखने को मिल रहा है। पुलिस के खदेड़े जाने से पहले कुछ समर्थक कई दिनों तक उनके घर के बाहर मौजूद थे। शनिवार को यह प्रदर्शन उस वक्त उग्र हो गया जब भीड़ ने पुलिस के बैरियर्स को तोड़ दिया।
अर्जेंटीना इस वक्त 20 साल में सबसे अधिक महंगाई का सामना कर रहा है। सरकार ने महंगाई पर काबू पाने के लिए कैबिनेट में फेरबदल किए हैं। 71 फीसदी की महंगाई दर से जूझ रहे अर्जेंटीना को लेकर विशेषज्ञों की चेतावनी और भी डरावनी है। अनुमान है कि अर्जेंटीना की महंगाई दर 90 फीसदी तक जा सकती है। हालात का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि केंद्रीय बैंकों को इस साल और अधिक पैसे छापने से मना किया गया है। आसमान छू रहीं कीमतों के खिलाफ जनता का आक्रोश सड़कों पर भी देखने को मिल रहा है।