Los Angeles wildfire: 7 जनवरी को अमेरिका के लॉस एंजिल्स में आग लगने के बाद हालात बेहद खराब हो गए हैं। अब तक 36 हजार एकड़ से ज्यादा इलाका जलकर खाक हो चुका है, और करीब 10 हजार घर तबाह हो चुके हैं। आग से मरने वालों की गिनती 16 हो गई है, जबकि 13 लोग अभी भी लापता हैं। अधिकारी आग बुझाने की पूरी कोशिश कर रहे हैं, लेकिन उन्हें बड़ी चुनौती पानी की कमी से हो रही है।
पानी की कमी
आग बुझाने में सबसे बड़ी समस्या पानी की कमी है। कई फायर हाइड्रेंट्स भी सूख चुके हैं। इसे और हैरान करने वाली बात ये है कि आग जिस इलाके में लगी है, वहां से प्रशांत महासागर सिर्फ एक मील दूर है।
समुद्र का पानी क्यों नहीं इस्तेमाल हो रहा?
समुद्र के पानी का इस्तेमाल आग बुझाने में किया जा सकता है, लेकिन यह इतना आसान नहीं है। समुद्र के पानी में नमक होता है, जो फायर पंप और अन्य उपकरणों को नुकसान पहुंचा सकता है। नमक के कारण आग बुझाने का असर भी कम हो सकता है, और यह फायर ब्रिगेड कर्मियों के लिए खतरे की वजह बन सकता है। इसके अलावा, इस पानी का इस्तेमाल पर्यावरण को भी नुकसान पहुंचा सकता है।
पर्यावरणीय प्रभाव
समुद्र के नमकीन पानी का इस्तेमाल मिट्टी और स्थानीय
वनस्पति के लिए भी हानिकारक हो सकता है। नमक से मिट्टी की उर्वरता कम हो सकती है और पौधों के लिए पानी और पोषक तत्वों की कमी हो सकती है। इस तरह से, समुद्र के पानी का इस्तेमाल सिर्फ आग बुझाने में ही नहीं, बल्कि पर्यावरण के लिए भी बड़ा खतरा बन सकता है।
लॉस एंजिल्स में हालात गंभीर
लॉस एंजिल्स में हालात काफी गंभीर हैं, और आग को बुझाने के लिए कई तरह की चुनौतियां सामने आ रही हैं। अधिकारियों के पास पानी की कमी और समुद्र के पानी के खतरों को लेकर कई तरह के फैसले लेने की परेशानी है।