नई दिल्ली ऑनलाइन डेक्स। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी फ्रांस के बाद अमेरिका के दौरे पर हैं। वह देररात करीब दो बजे प्रेसीडेंट डोनाल्ड ट्रंप से मिलेंगें। ट्रंप से रूबरू होने से ठीक पहले पीएम नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी खुफिया एजेंसी की निदेशक तुलसी गबार्ड के साथ उच्च स्तरीय बैठक की। दोनों के बीच कई मुद्दों को लेकर बातचीत भी हुई। पीएम नरेंद्र मोदी ने तुलसी के साथ बैठक की तस्वीरें भी साझा की हैं।
तुलसी गबार्ड से पीएम मोदी की मुलाकात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने फ्रांस दौरे के बाद बृहस्पतिवार को अमेरिका पहुंचें। यहां उनका भव्य तरीके से स्वागत किया गया। अमेरिका पहुंचने के बाद पीएम नरेंद्र मोदी यूएस डायरेक्टर ऑफ नेशनल इंटेलिजेंस (डीएनआई) की निदेशक तुलसी गबार्ड से मिले। उन्होंने गबार्ड को नई जिम्मेदारी संभालने को लेकर शुभकानाएं और बधाई दी। दोनों के बीच भारत अमेरिका दोस्ती के अलग-अलग पहलुओं पर विस्तार से बातचीत हुई।
तुलसी गबार्ड को पीएम मोदी ने दी बधाई
पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, वाशिंगटन में तुलसी गबार्ड से मुलाकात कर उनकी नियुक्ति के लिए उन्हें बधाई दी। वे हमेशा से भारत-अमेरिका दोस्ती की प्रबल समर्थक रही हैं। इससे पहले पीएम नरेंद्र मोदी प्रवासी भारतीयों से मिले। पीएम मोदी का अभिनंदन करते हुए लोगों ने ’भारत माता की जय’ और ’मोदी-मोदी’ के नारे लगाए। भारतीय से मिलने के बाद पीएम मोदी ने एक्स पर लिखा, ’सर्दी के मौसम में गर्मजोशी से स्वागत। ठंड के मौसम के बावजूद, वाशिंगटन डीसी में भारतीय प्रवासियों ने मेरा बहुत ही खास तरीके से स्वागत किया है। मैं उनका आभार व्यक्त करता हूं।
तुलसी गबार्ड बनी डीएनआई की निदेशक
अमेरिका में तुलसी गबार्ड को राष्ट्रीय खुफिया निदेशक (डीएनआई) के रूप में शपथ दिलाई गई। अमेरिकी समयानुसार बुधवार शाम को व्हाइट हाउस में राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की मौजूदगी में तुलसी को शपथ दिलाई गई। अमेरिकी अटॉर्नी जनरल पाम गोंडी ने ओवल ऑफिस में गबार्ड को शपथ दिलाई। गबार्ड के शपथ ग्रहण समारोह का वीडियो एक्स पर शेयर किया। व्हाइट हाउस के आधिकारिक एक्स हैंडल पर भी शपथ ग्रहण की तस्वीरें और वीडियो शेयर की गई।
भगवद गीता पर हाथ रखकर ली थी शपथ
तुलसी गबार्ड अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की पहली हिंदू सदस्य बनी थीं। उन्होंने अपने पद की शपथ भगवद गीता पर हाथ रखकर ली थी। यह कदम चर्चा में रहा था। बाद में, 2019 में न्यूयॉर्क में जब वह पीएम मोदी से मिलीं, तो उन्होंने वही गीता उन्हें भेंट की। गबार्ड ने कई मौकों पर हिंदुओं के मुद्दों को उठाया है। खासतौर पर बांग्लादेश और पाकिस्तान में हिंदुओं की स्थिति पर उन्होंने चिंता जताई थी। इस कारण वह अमेरिकी हिंदुओं के बीच काफी लोकप्रिय हुईं।
भारतीयों के बीच तुलसी काफी लोकप्रिय
तुलसी गबार्ड का नाम सुनकर कई लोग उन्हें भारतीय मूल का समझ लेते हैं। हालांकि, उनका भारत से सीधा संबंध नहीं है। उनकी मां हिंदू धर्म अपना चुकी थीं और उन्होंने अपने सभी बच्चों को हिंदू नाम दिए। उनके भाई-बहनों के नाम भक्ति, जय, आर्यन और वृंदावन हैं। गबार्ड खुले तौर पर अपनी हिंदू पहचान को अपनाती हैं। अमेरिका में रहने वाले भारतीयों के बीच वह काफी लोकप्रिय हैं। खासतौर पर हिंदू अमेरिकी समुदाय ने उनके राजनीतिक सफर में हमेशा समर्थन दिया है।
शादी में शामिल हुए थे राम माधव
2015 में गबार्ड ने सिनेमैटोग्राफर अब्राहम विलियम्स से शादी की। यह विवाह हवाई में हिंदू रीति-रिवाजों के साथ हुआ। वैदिक मंत्रोच्चार के बीच हुए इस समारोह में भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेता राम माधव भी शामिल हुए थे। वह पीएम मोदी का विशेष संदेश और उपहार लेकर पहुंचे थे। गबार्ड कई मौकों पर भारत के समर्थन में बोल चुकी हैं। उन्होंने पाकिस्तान को आतंकियों का सुरक्षित पनाहगाह बताया था। 2019 के पुलवामा हमले की उन्होंने निंदा की थी।
पाकिस्तान में रतजगा
पीएम नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरे को लेकर पाकिस्तान में लोग रतजगा कर रहे हैं। टीवी पर डिबेट का दौर जारी है। पाकिस्तान पीएम शहबाज शरीफ भी घबराए हुए हैं। वह तुर्की के राष्ट्रपति एर्दोगन को अपने मुल्क पर बुलवाया। गाजा से लेकर कश्मीर का जिक्र किया। इस दौरान वह हखलाए। जिसको लेकर सोशल मीडिया पर पाक पीएम की जमकर खिल्ली उड़ाई जा रही है। वहीं पाकिस्तानी कह रहे हैं कि पीएम मोदी और ट्रंप कुछ बड़ा करने वाले हैं।
दो दिन तक अमेरिका में रहेंगे पीएम मोदी
बता दें, राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के निमंत्रण पर दो दिवसीय अमेरिका दौरे पर पहुंचे पीएम मोदी ने कहा कि वह ट्रंप से मिलने और भारत-अमेरिका व्यापक वैश्विक रणनीतिक साझेदारी को आगे बढ़ाने के लिए उत्सुक हैं। उन्होंने कहा कि भारत और अमेरिका लोगों के लाभ और हमारे ग्रह के बेहतर भविष्य के लिए मिलकर काम करते रहेंगे। प्रधानमंत्री के दौरे के संबंध में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने बताया कि पीएम मोदी अपनी यात्रा के दौरान राष्ट्रपति ट्रंप के अलावा अमेरिकी कैबिनेट के सदस्यों और उद्योग जगत के नेताओं से मिलेंगे।