Russia-Ukraine War: यूक्रेन पर हमले के बाद रूस पर पश्चिमी देशों ने कई प्रतिबंध लगा रखे हैं। ऐसे में रूस ने भारत से मदद मांगी है। भारत से रूस ने मेडिकल उपकरणों की सप्लाई ज्यादा से ज्यादा करने की अपील की है। दरअसल पश्चिमी देशों की ओर से लगाए गए बैन और जहाजों की आवाजाही बाधित होने की वजह से रूस में जरूरी मेडिकल उपकरणों की कमी हो गई है। यहां बताते चले की रूस अपनी जरूरत के ज्यादातर मेडिकल उपकरणों का आयात यूरोप और चीन से करता रहा है। वहीं पश्चिमी देशों के प्रतिबंधों के चलते यूरोपीयन देशों ने सप्लाई रोक दी है, जबकि चीन भी एक्सपोर्ट करने से बच रहा है। ऐसी स्थिति में रूस ने अपने सदाबहार दोस्त भारत से मदद मांगी है।
वहीं इसके बारे में एसोसिएशन ऑफ इंडियन मेडिकल डिवाइस इंडस्ट्री के फोरम कॉर्डिनेटर ने कहा कि भारत और रूस की कंपनियां इस बारे में बात करेंगी। इसको लेकर 22 अप्रैल को वर्चुअल मीटिंग होगी। जिसमें इस बात को लेकर चर्चा होगी कि कैसे मेडिकल उपकरणों की सप्लाई में इजाफा किया जाए। इस बात की पुष्टि भारत और रूस के बीच संबंधों को प्रमोट करने वाले ग्रुप बिजनेस रसिया ने भी की है।
भारत की ओर से रूस को एक्सपोर्ट में इजाफा किए जाने पर विचार किया जा रहा है। दोनों देश लोकल करेंसी में डील को लेकर भी बात कर रहे हैं। शीत युद्ध के दौरान भी दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय व्यापार लोकल करेंसी के जरिए ही हुआ था। एक बार फिर से उसी सिस्टम को एक्टिव करने के प्रयास किए जा रहे हैं।
बता दें कि अमेरिका की ओर से रूस से सस्ता तेल खरीदने पर भारत की कई बार आलोचना की गई है। अमेरिका ने कई बार भारत से यूक्रेन युद्ध में रूस का साथ न देने की अपील की है। हालांकि भारत ने ऐतिहासिक संबंधों और तटस्थता का हवाला देते हुए रूस की आलोचना करने से इनकार किया है।
फिलहाल भारत यूक्रेन युद्ध को कारोबारी लिहाज से अपने लिए एक अच्छे मौके के तौर पर देख रहा है। एक तरफ रूस से वह सस्ता तेल खरीद रहा है तो वहीं रूसी बाजार में एक्सपोर्ट बढ़ाकर कारोबारी बढ़त हासिल करने की भी कोशिश है। राजीव नाथ ने कहा कि रूस को भारत का निर्यात इस साल 2 अरब डॉलर होने की उम्मीद है, जो बीते सालों के मुकाबले 10 गुना तक ज्यादा होगा।