लखनऊ ऑनलाइन डेस्क। कैराना से समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन के आरोपों पर बीजेपी के पूर्व सांसद प्रदीप चौधरी ने जबरदस्त पलटवार किया है। मुल्ली-आतंकी कहने के आरोप का बीजेपी के पूर्व सांसद ने जवाब दिया। चौधरी फैमिली की पूरी चार्जशीट खोली। मंदिर तोड़े जानें का मुद्दा उठाया। हिन्दुओं के पलायन के साथ ही मायावती पर हुए हमले का जिक्र कर सनसनी मचा दी।
बीजेपी के पूर्व सांसद प्रदीप चौधरी ने कहा, ’इकरा हसन पहले खुद के बर्ताव पर नजर डालें। उनका परिवार लंबे से राजनीति में रहा है। वह ये भी देखें कि मायावती पर हमले में कौन शामिल था। मुजफ्फरनगर के दंगों में कौन सक्रिय था। कैराना पलायन किसने कराया। कोरोना के समय किसने कहा था कि बीजेपी वालों की दुकानों से सामान मत लो। इन सब पर भी सपा सांसद को जवाब देना चाहिए। इकरा हसन ये भी बताएं कि उनके विधायक भाई ने विधानसभा चुनाव के वक्त किन्हें धमकी दी थी।
बीजेपी के पूर्व सांसद प्रदीप चौधरी ने कहा कि ‘मंदिर में हुई तोड़फोड़ की घटना को लेकर मैंने खुद एसएसपी से मिलकर कार्रवाई की मांग की थी। मामले को लेकर सपा सांसद कई तरह की आरोप लगा रही हैं, जिसमें सच्चाई नहीं है। उन्होंने कहा शांति भंग करने का प्रयास न किया जाए। हम सपा सांसद से कहना चाहेंगे कि फेसबुक और वॉट्सऐप की राजनीति छोड़कर जमीन पर उतरें और लोगों की भलाई के लिए काम करें। क्षेत्र में शांति बनाए रखना सबसे बड़ी जिम्मेदारी है।
बीजेपी के पूर्व सांसद प्रदीप चौधरी ने आगे कहा मेरा परिवार राजनीति में रहा है। हमेशा क्षेत्र के विकास और शांति के लिए काम करता रहा है। मेरे घर में भी बहनें, बेटियां और मां हैं। उनके प्रति भी गलत बातें कही गई थीं। हमने कभी हताश या निराश होकर राजनीति नहीं की। ये सपा सांसद का फ्रस्टेशन है, जो अब बाहर निकल रहा है। सांसद को यह समझना चाहिए कि गलत भाषा का प्रयोग उचित नहीं है। बीजेपी के पूर्व सांसद ने कहा कि इकरा के परिवार के कारण कैराना से एक धर्म के लोगों का पलायन हुआ।
बीजेपी के पूर्व सांसद ने कहा कि इकरा हसन के परिवार का 2017 से पहले यहां रसूख था। परिवार के लोग दबदबे के बल पर गरीबों का शोषण करते हैं। मायावती पर हमला किसने करवाया। इकरा जरा बताएं। दरअसल, बुधवार को इकरा हसन ने प्रदीप कुमार का नाम लिए बगैर कहा था कि आजकल कुछ लोग नफरत फैलाने की राजनीति कर रहे हैं। ऐसे लोग समाज को तोड़ रहे हैं। एक पूर्व सांसद के बहुत करीबी समर्थक ने उन्हें ’आतंकवादी’ और ’मुल्ली’ कहकर पुकारा था।
अब हम आपको बताते हैं क्या है पूरा मामला। दरअसल, 3 अक्टूबर को गंगोह क्षेत्र के छापुर गांव में शिव मंदिर खंडित किया गया था। इसे लेकर हिंदू सुरक्षा सेवा संघ के जिलाध्यक्ष रोहित प्रधान ने संगठन के लड़कों के साथ बाइक रैली निकाली। इस दौरान सांसद इकरा हसन के खिलाफ नारेबाजी की गई। उन्हें गालियां दी गईं। प्रदर्शन को फेसबुक पर लाइव किया गया था। वीडियो सामने आने पर सपा और रालोद कार्यकर्ताओं में गुस्सा भड़क गया था। रालोद प्रदेश उपाध्यक्ष हाजी सलीम कुरैशी ने इस मामले में नकुड़ थाने में शिकायत की थी। जिस पर पुलिस ने केस दर्ज किया था।