झांसी में उम्रकैद की सजा पाने वाले सजायाफ्ता अंगद सिंह को साधन सहकारी समिति का निर्विरोध सभापति चुना गया है। यह मामला अफसरों के संज्ञान में तब आया, जब डीएम को पत्र लिखकर इसकी शिकायत की गई। फिलहाल अधिकारी मामले की जांच कराकर कार्रवाई की बात कर रहे हैं।
निर्विरोध सभापति चुना गया आरोपी
बता दें कि पिछले महीने ही झांसी में साधन सहकारी समितियों के चुनाव संपन्न हुए हैं। यह मामला गुरसराय ब्लॉक की पंडवाहा सहकारी समिति का है, जहां ग्राम बगरौनी निवासी भानू प्रताप ने डीएम को दिए शिकायती पत्र में आरोप लगाया है कि सहकारी समिति पंडवाहा में बगरौनी निवासी सजायाफ्ता अंगद सिंह पुत्र अच्छेलाल निर्विरोध अध्यक्ष चुने गए हैं। उसके सामने किसी ने पर्चा भरने की हिम्मत नहीं की।
जमानत पर आया था हत्यारा
उसने आरोप लगाया कि 31 अगस्त 2013 को अंगद सिंह आदि ने बगरौनी निवासी एक व्यक्ति की गोली मारकर हत्या कर दी थी। 24 अप्रैल 2018 को अंगद सिंह आदि को अपर सत्र न्यायाधीश ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। 19 सितंबर 2018 से वो जमानत पर है। वहीं, उत्तर प्रदेश राज्य सहकारी समिति निर्वाचन आयोग द्वारा प्रकाशित सहकारी निर्वाचन मार्गदर्शिका 2023 में उल्लेख है कि निर्वाचन नियमावली के नियम 47 में सदस्यों की अनहर्ताओं का प्रावधान है।
बरखास्त करने की उठी रही मांग
इस नियम के उप नियम 1 (घ) में प्रावधान है कि यदि उसे किसी अपराध के लिए किसी कोर्ट से दो साल से अधिक का कारावास हुआ हो और इसके विरुद्ध कोई स्थगन आदेश प्राप्त न किया गया हो। निर्वाचन के नियमावली के नियम 47 (2) में प्रावधान है कि कोई भी सहकारी समिति प्रतिनिधि के रूप में प्रतिनिधित्व करने के लिए ऐसे व्यक्ति को नियुक्त नहीं करेगी । शिकायतकर्ता ने निर्वाचन को अवैध घोषित करते हुए बरखास्त करने के लिए कार्रवाई करने की मांग की है।