जोशीमठ में हो रहे भू धंसाव को लेकर अब तीर्थ पुरोहित और साधु संतो ने भी चिंता जाहिर की है। तीर्थ पुरोहित का कहना है कि जोशीमठ जिसे ज्योतिर्मठ भी कहा जाता है और आदि गुरु शंकराचार्य की तपोस्थली भी रही है, और इससे महत्वपूर्ण बात है कि जोशीमठ सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण स्थान है। चाइना बॉर्डर से लगे होने के नाते सामरिक दृष्टि से इस स्थान का महत्व ज्यादा बढ़ जाता है।
जोशीमठ में रह रहे लोगों के लिए रहनेे और खाने की व्यवस्था करे राज्य सरकार
इसी को लेकर साधु संतों ने जोशीमठ में हो रहे भू धंसाव पर चिंता जाहिर की है। ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य अभीमुक्तेश्वरनंद सरस्वती भी ने चिंता जाहिर की है। उन्होंने कहा कि जोशीमठ धार्मिक स्थान होने के नाते सामरिक दृष्टि से भी महत्वपूर्ण है और वहां पर इस तरह से भू धंसाव होना चिंता की बात है। शंकराचार्य अभीमुक्तेश्वरनंद सरस्वती ने सरकार से मांग उठाई कि सरकार तत्काल जोशीमठ में हो रहे भू धंसाव के कारणों को जानने के लिए एक्सपर्ट की टीम भेजें और वहां रह रहे लोगों के रहने और खाने की व्यवस्था तत्काल की जाए।
गौरतलब है कि उत्तराखंड के जोशीमठ में जमीन धंसने से 576 घरों में दरारें आ गई हैं। जिसकी वजह से जोशीमठ में रहने वाले परिवार पलायन को मजबूर हो गए है। जिला आपदा प्रबंधन विभाग ने जानकारी देते हुए बताया कि घरों में दरारें आने के बाद अब तक कुल 66 परिवार पलायन कर चुके हैं।
हर घंटे बढ़ रही दरारें
इस बीच जोशीमठ नगरपालिका अध्यक्ष शैलेंद्र पवार का भी एक बयान सामने आया है। उन्होंने कहा कि “अब सिंहधर जैन मोहल्ले के पास बद्रीनाथ एनएच और मारवाड़ी में वन विभाग की चेक पोस्ट के पास दरारें बढ़ने का सिलसिला शुरू हो गया है। यह दरार हर घंटे बढ़ रही है जो बेहद चिंताजनक है।”
वहीं जोशीमठ सिटी बोर्ड के अध्यक्ष ने बताया कि मारवाड़ी के नौ घरों में दरारें आने की सूचना मिली है। इसके अलावा वार्ड की अधिकांश सार्वजनिक सड़कों में भी दरारें दिखाई देने लगी हैं। जिला आपदा प्रबंधन विभाग का कहना है कि जोशीमठ के मारवाडी वार्ड की जेपी कॉलोनी में भी जमीन से पानी का रिसाव हो रहा है।
‘576 घरों के 3000 से अधिक लोग प्रभावित’
शैलेंद्र पवार ने कहना है कि भूस्खलन से जोशीमठ के 576 घरों के 3000 से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। उन्होंने कहा कि “नगर पालिका द्वारा सभी घरों का सर्वेक्षण किया जा रहा है। कई लोगों ने भूस्खलन के कारण अपना घर भी छोड़ दिया है।”
वहीं जोशीमठ नगर क्षेत्र की पूर्व नगर पालिका अध्यक्ष माधवी सती के मकान को भी भूस्खलन ने पूरी तरह अपने कब्जे में ले लिया है। उनके घर में बड़ी-बड़ी दरारें आ गई हैं।
इस बीच माधवी सती ने कहा कि उनके पास एक खंडहर घर में रहने के अलावा और कोई विकल्प नहीं है। चमोली के डीएम ने भी इलाके का दौरा किया था। लेकिन अभी तक कोई हल नहीं निकला।