लाल इमली मिल जो कई कारणों से कई सालों से बंद है। इस मिल की स्थापना 1870 के दशक में हुई थी। सन 1950 की बात है जब इसका उत्पादन चरम पर था।
एक वक्त था जब ऊन और गरम कपड़े बनाए जाते थे। इमली मिल करीब 150 साल पुरानी इमारत है लेकिन आज भी कानपुर में सबसे आकर्षक इमारतों में से एक विरासत है।
स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत एक करोड़ रुपए खर्च
फिलहाल इस ऐतिहासिक इमारत को 145 साल बाद जगमगाने की तैयारी चल रही है। इसकी दीवारों पर सितंबर महिने से फसाड लाइटिंग रोशनी बिखेरने लगेगी।
इसके लिए स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट के तहत एक करोड़ रुपए खर्च किए जा रहे हैं। ब्रिटिश इंडिया कॉर्पोरेशन ने भी इसकी इजाजत दे दी है। फसाड लाइट जिस जगह पर लगती है, उसी पर फोकस्ड रहती है। इसकी रोशनी इधर-उधर नहीं बिखरती। इससे इमारत की सुंदरता बढ़ जाती है।
इमारत की सुंदरता को बढ़ाने के लिए बिजली की लाइनों को अंडरग्राउंड किया जाएगा। टूटी हुई खिड़कियों के शीशों को ठीक करने के साथ ही टूटी घड़ी की मरम्मत की जाएगी।
फूलबाग के गांधी भवन में लेजर लाइट शो का भी शुभांरभ
वहीं 15 अगस्त को फूलबाग के गांधी भवन में लेजर लाइट शो का भी शुभांरभ होगा। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्शन लाइटिंग एंड मैपिंग की इस परियोजना पर 5 करोड़ रुपए खर्च कर चुका है।
आपको बता दें यहां हर रात 20 मिनट का शो होगा। जिससे मॉल रोड पर यह शहरवासियों के आकर्षण का केंद्र बनेगा। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पहला शो होगा जो फ्री रहेगा। उसके बाद इसकी दरें तय कर दी जाएंगी।
स्मार्ट सिटी के तहत कोतवाली की ऐतिहासिक इमारत को भी चमकाया गया है। 15 अगस्त को ही इसकी शुरुआत होगी। स्मार्ट सिटी के नोडल अधिकारी एवं अधिशासी अभियंता आरके सिंह ने बताया,”इसकी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं।”