कानपुर। उत्तर प्रदेश में डेढ़ वर्ष बाद चुनाव है। ऐसे में बीजेपी पूरी ताकत के साथ तीसरी बार सरकार बनाने को लेकर रणनीति बना रही है। दिल्ली से लेकर लखनऊ में बैठकों का दौर जारी है। प्रदेश के नए बीजेपी चीफ को लेकर मंथन जारी है। योगी सरकार के मंत्रिमंडल के विस्तार को लेकर भी चर्चा अंदरखाने चल रही हैं। खुद सीएम योगी आदित्यनाथ फ्रंट पर आकर हैट्रिक लगाने को लेकर बैटिंग कर रहे हैं। पार्टी के अंदर चल रहे विवादों को वह खुद निपटा रहे हैं। एनडीए के घटकदलों को भी साध रहे हैं। लेकिन अब भी बीजेपी के अंदर कुछ ऐसे नेता हैं, जो पार्टी के लिए मुसीबत बने हुए हैं। वह बैठकों के दौरान आपस में दो-दो हाथ कर रहे हैं। एक-दूसरे को देख लेने की धमकी दे रहे हैं। नौबत तो अब हाथापाई तक भी आ गई है। कुछ ऐसा ही नजारा कानपुर देहात में देखने को मिला। यहां कानपुर देहात के सांसद देवेंद्र सिंह भोले और पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी के बीच जमकर टकरार हुई, जिसके वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं।
हां बीजेपी के अंदर इनदिनों दो नेताओं के बीच प्रचंड रण चल रहा है। दोनों नेता जब भी आपने-सामने होते हैं तो एक-दूसरे को आंख दिखाते हैं। सरकारी बैठकों के दौरान भी दोनों खुलकर एक-दूसरे को खरी-खोटी सुनाते हैं। वह दो नेता कोई और नहीं बल्कि कानपुर देहात के सांसद देवेंद्र सिंह भोल और पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी हैं। अनिल शुक्ल की पत्नी प्रतिभा शुक्ला योगी सरकार में मंत्री हैं। बीतेदिनों मंत्री प्रतिभा शुक्ला ने बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह पर सनसनीखेज आरोप गलाते हुए थाने के बाहर धरने पर बैठ गई थी। तब सीएम योगी हरकत में आते हुए मामले को शांत करवाया था। अब एकबार फिर देवेंद्र सिंह भोले और अनिल शुक्ल वारसी के बीच सियासी जंग छिड़ चुकी है। बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह भोले अधिकारी और कैमरे के बीच गरजे। डंके की चोट पर बोले। उन्होंने दो टूक शब्दों में कहा कि अगर गुंडों की बात की जाएगी, तो मुझसे बड़ा गुंडा कोई नहीं है। मैं कानपुर देहात का सबसे बड़ा हिस्ट्रीशीटर हूं।
देवेंद्र सिंह भोले ने आगे कहा आप विकास दुबे के भाई को साथ लेकर घूम सकते हैं, जिसने संतोष शुक्ल की हत्या की थी। फिर दूसरों को गुंडा कहते हैं। आप खुद शासन से कहते हैं कि आपके पास फाइलें नहीं आतीं। तो फिर मंत्री बने ही क्यों हैं। अगर गुंडों की बात की जाएगी, तो मुझसे बड़ा गुंडा कोई नहीं है। मैं कानपुर देहात का सबसे बड़ा हिस्ट्रीशीटर हूं। देवेंद्र सिंह भोले का ये धमकी वाला वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। ये वीडियो उस वक्त का है जब बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह भोले कानपुर देहात में दिशा की बैठक में शामिल हुए थे। बैठक के दौरान बीजेपी के दो गुटों में जोरदार बहस हो गई। बहस सांसद देवेंद्र सिंह भोले और राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला के पति एवं पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी के बीच हुई। बहस इस कदर बढ़ गई कि दोनों नेताओं के बीच हाथापाई की नौबत आ गई। मौके पर मौजूद डीएम कपिल सिंह और एसपी श्रद्धांजलि पांडे ने हस्तक्षेप कर स्थिति को कंट्रोल किया। इसके बाद बैठक को बीच में ही स्थगित कर दिया गया।
बैठक स्थगित होने के बाद पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी बोले। उनके टारगेट पर देवें्रद िंसह भोले भे। अनिल शुक्ल वारसी ने सांसद देवेंद्र सिंह भोले पर गंभीर आरोप लगाए। कहा सांसद ने दिशा समिति में ऐसे लोगों को शामिल किया है, जो आम लोगों को टारगेट करते हैं। उनका अपमान करते हैं और झूठे मुकदमे दर्ज कराते हैं। ये लोग फैक्ट्री मालिकों से भी वसूली करते हैं। अनिल शुक्ल के बयान के बाद बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह भोले भी बोले। सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने कहा पूर्व सांसद हर बार चुनाव से पहले इस तरह विवाद खड़ा करते हैं। अफसरों को निशाना बनाते हैं। बैठक में मुझे ‘गुंडा’ कहा गया। मैं पिछले 50 साल से राजनीति कर रहा हूं। ये लोग जिले का माहौल खराब करने की कोशिश कर रहे। बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह भोले ने कहा कि अनिल शुक्ल वारसी जिले के विकास में हरवक्त बाधक बनते हैं। गलत आरोप लगाते हैं। जब बीएसपी की सरकार प्रदेश में थी, तब कानपुर का विकास दुबे पनपा था। अनिल शुक्ल वारसी पर देवेंद्र सिंह भोले ने अपराधियों को सरंक्षण देने का आरोप लगाया।
ये तो हुई हाथापाई और दोनों के बयान। अब हम आपको बताते हैं बीजेपी सांसद देवेंद्र सिंह भोले के बारे में। देवेंद्र सिंह भोले पहली बार 2014 में भाजपा के टिकट पर अकबरपुर से सांसद चुने गए थे। उन्होंने बसपा के अनिल शुक्ल वारसी को 2,78,997 वोटों से हराया थे। इसके बाद साल 2019 में 2,75,142 वोटों से बसपा प्रत्याशी निशा सचान को हराया और दूसरी बार सांसद बने थे। 2024 में बीजेपी ने देवेंद्र सिंह भोले को तीसरी बार टिकट दिया। इस चुनाव में भी देवेंद्र सिंह सांसद चुने गए। देवेंद्र 1993 और 1996 में डेरापुर विधानसभा से विधायक भी रह चुके हैं। वह 1988 से 1992 तक झींझक ब्लॉक के अध्यक्ष थे। 1 सितंबर, 2014 से ऊर्जा संबंधी स्थाई समिति, परामर्शदात्री समिति, गृह मंत्रालय के सदस्य रह चुके हैं।
अब हम आपको अनिल शुक्ल वारसी के बारे में बताते हैं। पूर्व सांसद अनिल शुक्ल वारसी योगी सरकार की राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला के पति हैं। 24 जुलाई, 2025 को अनिल शुक्ल और उनकी पत्नी ने कानपुर देहात के कोतवाली में 6 घंटे धरना दिया था। मंत्री ने कोतवाली प्रभारी सतीश सिंह पर बीजेपी कार्यकर्ताओं के खिलाफ झूठा एससी-एसटी एक्ट का मुकदमा दर्ज कराने का आरोप लगाया था। तब मंत्री ने कहा था ये समाजवादी सरकार नहीं, योगी जी की सरकार है। यहां झूठे मुकदमे नहीं चलेंगे। अनिल शुक्ल वारसी ने डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक से फोन पर बात कर नाराजगी जाहिर की थी। कहा था आप कहें तो हम लोग राजनीति छोड़ दें और फांसी पर लटक जाएं। इसके बाद एसपी अरविंद मिश्रा ने मंत्री से बदसलूकी करने के आरोप में लालपुर चौकी इंचार्ज को लाइन हाजिर कर दिया था। इसी मामले को लेकर योगी सरकार ने अनिल शुक्ल को नोटिस जारी किया था।
