कानपुर। आर्यनगर से समाजवादी पार्टी के टिकट से दूसरी बार विधायक चुने गए अमिताभ बाजपेई (Amitabh Bajpai) फिर से सुर्खियों में हैं। उन्होंने कुछ दिन पहले फजलगंज थाने के अंदर धरना दिया था। आलाधिकारियों ने पूरे प्रकरण की जांच कराई। रिपोर्ट आने के बाद सपा विधायक और उनके 127 समर्थकों के खिलाफ फजलगंज थाने में तैनात दरोगा दीपक तिवारी ने वादी बनकर केस दर्ज करवाया है। जिसके चलते आने वाले समय में विधायक अमिताभ बाजपेई की मुश्किलें बढ़ सकती हैं। अमिताभ बाजपेई अखिलेश यादव के करीबी हैं और उन्होंने मुलायम सिंह यादव से राजनीति का ककहरा सीखा। वह अपने अजब-गजब के प्रोटेस्ट को लेकर खासा सुर्खियों में रहते हैं।
क्या है पूरा मामला
दरअसल, कुछ दिन पहले फजलगंज थाने की पुलिस ने एक युवक को अरेस्ट कर लिया था। जानकारी मिलने पर सपा विधायक अमिताभ बाजपेई अपने समर्थकों के साथ थाने पहुंचे और युवक को छोड़े जाने की बात कही। जिस पर पुलिस ने इंकार कर दिया। गुस्साए विधायक ने थाने के अंदर धरने पर बैठ गए। जानकारी मिलने पर सपा कार्यकर्ता भी थाने आ गए और हंगामा करने लगे। आरोप है कि कार्यकर्ताओं ने थाने का घिराव किया। पुलिस और सपा विधायक के बीच तीखी नोक झोक भी हुई थी।
दरोगा ने विधायक पर लगाए ये आरोप
मामले पर आलाधिकारियों ने इंस्पेक्टर और एसपी से रिपोर्ट तलब की थी। रिपोर्ट मिलने के बाद सपा विधायक अमिताभ बाजपेई पर बड़ा एक्शन हो गए। दरोगा ने विधायक और उनके 127 समर्थकों पर केस दर्ज करवाया है। एसआई दीपक तिवारी के जरिए दर्ज कराई गई रिपोर्ट के अनुसार 8 नवम्बर 2024 को उन्होंने चंदेल वाली गली फजलगंज निवासी अशोक कुमार गुप्ता को गिरफ्तार कर लिखापढ़ी में थाने में दाखिल किया था। अशोक पर सार्वजनिक स्थान पर गाली गलौज और अपराधिक गतिविधि को अंजाम देने के आरोप लगे थे।
विधायक ने फोन से बुलाए समर्थक
दरोगा की रिपोर्ट के अनुसार, इसी दौरान सपा विधायक अभिताभ बाजपेई अपने साथ वरुण जायसवाल व कुछ अन्य समर्थक व कार्यकर्ताओं को लेकर थाने पहुंच गए। विधाक और उनके समर्थकों ने अशोक कुमार गुप्ता को थाने से छोड़ने का दबाव बनाया। दरोगा के मुताबिक उन्होंने विधायक को जानकारी दे दी थी कि आरोपी को जनरल डायरी (जीडी) में दाखिल कर दिया गया है। दरोगा के मुताबिक दाखिले की बात सुनने के बाद विधायक और उत्तेजित हो गए और मोबाइल पोन से और समर्थकों को बुला लिया।
दोनों तरफ लगा दी थीं गाड़ियां
दरोगा की रिपोर्ट के अनुसार, कुछ समय में (Amitabh Bajpai) थाने में 125 समर्थक इकट्ठा हो गए। सभी लोग थाने में हंगामा करते हुए अशोक कुमार गुप्ता को छोड़ने का दबाव बनाने लगे। जब पुलिस द्वारा मना किया गया तो सभी लोग धरने पर बैठ गए। प्रशासन मुर्दाबाद और सरकार विरोधी नारे लगाने लगे। भीड़ ने थाने के बाहर दोनों तरफ गाड़ियां लगा दीं। इनकी नारेबाजी से थाने आने वाले फरियादी भयभीत होकर वापस चले गए। इसके बाद पुलिस ने आरोपी अशोक कुमार गुप्ता को कोर्ट ले जाने का प्रयास किया तो विधायक व उनके समर्थकों ने पुलिस को रोकने का प्रयास किया।
सलिल विश्नोई को हराकर विधायक चुने गए
अमिताभ बाजपेई (Amitabh Bajpai) ने समाजवाद और सेकुलरवादी सोंच के कारण समाजवादी पार्टी का दामन थामा था। कुछ माह के अंदर वह मुलायम सिंह यादव के चहेते नेताओं में गिने जाने लगे। अमिताभ को युवा लोहिया वाहिनी का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाया गया तो उन्होंने साइकिल को प्रदेश के युवाओं के बीच पहुंचा दिया। 2017 के विधानसभ्सस चुनाव में अमिताभ बाजपेई को अखिलेश यादव ने बीजेपी के गढ़ आर्यनगर से टिकट देकर चुनाव के मैदान में उतारा। बीजेपी के कद्दावर नेता सलिल विश्नोई को हराकर बाजपेई विधायक चुने गए। विधायक चुने जाने के बाद वह लगातार जनता के बीच रहकर उनकी आवाज को उठाते आ रहे हैं और 2019 से 2024 तक उनकी गांधीगिरी वाला प्रोटेस्ट सबको भाया।
अमिताभ बाजपेई नगर निगम पहुंच गए
बारिश के मौसम में आर्यनगर की गलियां लबालब भर गई थीं। नगर निगम ने नालों की सफाई नहीं कराई है, सड़कों पर सिल्ट जमा थी। सड़कों में जलभराव से आवागमन दूभर हो रहा था तो घरों में पानी भरने से लोगों की जिंदगी मुहाल थी। जलभराव को लेकर शहर में कई जगह विरोध प्रदर्शनों (Amitabh Bajpai) भी हुए, इसके बाद भी नगर निगम के अफसर मौन थे। शिकायत के जब समस्या का निराकरण नहीं हुआ तो सपा विधायक अमिताभ बाजपेई नगर निगम पहुंच गए। नगर आयुक्त को नाकामी गंगे नाम लिखी नाव भेंट की। जिसके बाद अफसर जागे और जलभराव की समस्या से लोगों को निजाद दिलाई। विधायक ने इस दौरान गांधीगिरी का रास्ता अख्तियार किया और क्षेत्र की जनता की समस्या का निराकरण करवाया।
पत्नी के जेवर लेकर जल निगम के दफ्तर पहुंच गए।
आर्यनगर में काफी समय से स्थानीय लोग पाइप लाइन लीकेज की शिकायत विधायक से कर रहे थे। लोगों की शिकायत पर विधायक ने जल निगम के जीएम से कहकर पाइप लाइन डलवाई। पर जल निगम ने इसके बदले खर्चे का एक लाख तीस हजार का बिल सपा विधायक के नाम भेज दिया।बिल मिलने के बाद विधायक अपने और पत्नी के जेवर लेकर जल निगम के दफ्तर पहुंच गए। वहां उन्होंने जेवर अधिकारी को सौंप कर बिल अदायगी कर लेने को कहा। जिसके बाद जल निगम के क्षेत्रीय मुख्य अभियंता ने विभागीय कर्मचारियों की गलती के लिए माफी मांगी और दोषी पर कार्रवाई का आश्वासन दिया था। ये मामला उस वक्त कईदिनों तक मीडिया की हेडलाइन बना।
बिजली कर्मचारियों की ड्रेस पहनी
आर्यनगर विधानसभा (Amitabh Bajpai) में गर्मी के मौसम में लगातार बिजली कटौती के साथ फाल्ट हो रहे थे। यहां की जनता विधायक से शिकायत करती। विधायक केस्को एमडी को फोन लगा समस्या का समाधान करने को कहते, पर सुनवाई नहीं हुई। जिसके कारण सपा विधायक अमिताभ बाजपेई बिजली कर्मचारियों की ड्रेस पहनकर केस्को एमडी के कार्यालय में पहुंच कर जमीन पर बैठ गए। एमडी ने तत्काल केस्को के अफसरों को जमीन पर उतरने के आदेश दिए और जल्द से जल्द बिजली समस्या का निराकरण का वादा किया। अगले दिन बिजली समस्या खत्म हो गई और लोगों के चेहरों में मुस्कान आ गई।
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सीएसए के बाहर नंगे बदन धरने पर बैठ गए
नमामि गंगे योजना (Amitabh Bajpai) के तहत गंगा का निरीक्षण करने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और सीएम योगी आदित्यनाथ कानपुर आए। शहर की समस्याओं को लेकर सपा विधायक अमिताभ बाजपेई प्रधानमंत्री से मिलने के लिए अनुमति मांगी, लेकिन प्रशासन ने उन्हें मना कर दिया। सपा विधायक नाराज होकर सीएसए के बाहर नंगे बदन धरने पर बैठ गए। नाजारा देख पुलिस-प्रशासन के हाथ-पांव फूल गए। पुलिस ने सपा विधायक को गिरफ्तार कर थाने भिजवा दिया। जब तक पीएम मोदी, सीएम योगी शहर में रहे, तब तक विधायक को थाने में रखा गया। विधायक ने तब कहा था कि वह पीएम मोदी से मिलकर भ्रष्टाचार का खुलासा करना चाह राह रहे थे, पर अधिकारियों ने उन्हें अरेस्ट कर लिया।
मारने की धमकी देने का भी आरोप लगाया
सीएए को लेकर शहर में हिंसा हुई। अमनचैन बरकरार रहे इसके लिए विधायक अमिताभ बाजपेई हिंसाग्रस्त इजाके में पहुंचे। इस दौरान तत्कालीन एडीजी प्रेमप्रकाश ने उन्हें लोगों से मिलने से रोक दिया। दोनों के बीच तीखी झड़प हुई। आखिरकार विधायक को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया। उन्होंने एडीजी पर विधायक के प्रोटोकॉल का उल्लंघन कर अभद्रता करने और लाठी से मारने की धमकी देने का भी आरोप लगाया था। विधायक को पुलिस ने थाने से छोड़ दिया। तब विधायक ने कहा था कि वह अहिंसावादी व्यक्ति हैं और उनकी डायरी में हिंसा के लिए कोई जगह नहीं है। हम तो लोगों से आपसी भाईचारे की अपील करने के लिए गए, पर एडीजी साहब को इसी पर भड़क गए।
सपा के टिकट पर चुनाव के मैदान में उतरे
आर्यनगर सीट (Amitabh Bajpai) पर 1996, 2002 और 2007 के चुनाव में सपा का कब्जा रहा। 2012 में जब परिसीमन बदला और जनरलगंज सीट का अस्तित्व समाप्त हुआ तब जनरलगंज का ज्यादातर हिस्सा आर्यनगर में शामिल हो गया और यह सीट सपा से छिन गई। 2012 में इस सीट पर मिली हार को जीत में बदलने के लिए अखिलेश यादव ने 2017 के विधानसभा चुनाव में अमिताभ बाजपेयी को टिकट दिया। यहां उनका मुकाबला तीन बार के विधायक रहे सलिल विश्नोई से था। अमिताभ बाजपेई ने बीजेपी उम्मीदवार को हराकर आर्यनगर में साइकिल दौड़ाई। 2022 के विधानसभा चुनाव में अमिताभ बाजपेई दूसरी बार सपा के टिकट पर चुनाव के मैदान में उतरे और बीजेपी उम्मीदवार को हराकर फिर से विधायक चुने गए।