Kanpur news: मिस यूपी विजेता का इस्तेमाल कर किसने वसूले थे कारोबारी से 2.5 करोड़, कई पुलिसकर्मी भी घेरे में

कानपुर में अधिवक्ता अखिलेश दुबे पर होटल कारोबारी से 2.5 करोड़ वसूली और गरीब लड़कियों को झूठे मामलों में फंसाने का आरोप है। जांच में कई पुलिसकर्मियों की संलिप्तता भी सामने आई है, मामले की पड़ताल जारी है।

Kanpur advocate Akhilesh Dubey extortion and false rape case

Crime News:कानपुर में जबरन वसूली और धमकी देने के मामले में जेल भेजे गए अधिवक्ता अखिलेश दुबे को लेकर नए-नए राज सामने आ रहे हैं। पुलिस जांच में खुलासा हुआ कि अखिलेश ने एक होटल कारोबारी को झूठे दुष्कर्म के मामले में फंसाकर 2.5 करोड़ रुपये की रंगदारी वसूली। इसके लिए उसने मिस यूपी का खिताब जीत चुकी युवती को मोहरा बनाया। यह खिताब उसने कई साल पहले जीता था, लेकिन कब और कहां, यह जानकारी उसने किसी को नहीं दी। बताया जा रहा है कि युवती ने शहर के एक कॉलेज से आर्ट्स में स्नातक किया था और मॉडलिंग में करियर बनाने का सपना देखा था।

मॉडलिंग से लेकर आरोप तक का सफर

युवती ने मॉडलिंग की ट्रेनिंग लेने के लिए कई संस्थानों में अभ्यास किया। मिस यूपी बनने के बाद वह मिस इंडिया बनने का सपना देख रही थी। लेकिन चकाचौंध भरी जीत के कुछ दिन बाद, नौकरी और कमाई के लिए भटकती रही, पर सफलता नहीं मिली। माना जा रहा है कि कारोबारी पर आरोप लगाने के बदले उसे मोटी रकम दी गई। बाद में उसने एक महिला संस्था भी शुरू की।

कारोबारी से वसूली के बाद एफआर लगवाई

होटल कारोबारी के अनुसार, 2.5 करोड़ रुपये लेने के बाद अखिलेश ने पुलिस से फाइनल रिपोर्ट (एफआर) लगवा दी। उसने खुद यह रिपोर्ट कारोबारी को दी, जिसमें लिखा था कि सबूतों की कमी के कारण मामला खारिज किया गया।

गरीब लड़कियों का इस्तेमाल कराता था

पुलिस जांच में यह भी सामने आया कि अखिलेश गरीब बस्तियों की युवतियों को कुछ हजार रुपये देकर झूठे दुष्कर्म के आरोप लगवाता था। उन्हें भरोसा दिलाता था कि मामला कोर्ट तक नहीं जाएगा और कुछ महीनों में पुलिस फाइनल रिपोर्ट लगा देगी। एसआईटी जांच में कई पीड़िताएं फिलहाल लापता हैं। चर्चा है कि उन्हें डर के चलते बिहार और झारखंड भेज दिया गया, और उनका खर्च भी आरोपियों ने ही उठाया।

पुलिसकर्मियों से गहरे संबंध

कमिश्नरी पुलिस की जांच में पता चला कि कई सीओ, इंस्पेक्टर और दरोगा नियमित रूप से अखिलेश के साकेतनगर स्थित कार्यालय में आते थे। वहां कानपुर के अलावा आसपास के जिलों,उन्नाव, कन्नौज, इटावा, फर्रुखाबाद और कानपुर देहात, के पुलिसकर्मियों की भी आवाजाही रहती थी। एक विशेष टीम का प्रभारी और क्राइम ब्रांच का इंस्पेक्टर हर शनिवार-रविवार परिवार सहित आता था।

कार्यालय के बाहर अक्सर सफेद एसयूवी और अन्य गाड़ियों की कतार लगी रहती थी, जिनमें पत्रकार और जनप्रतिनिधि भी शामिल होते थे। पुलिस अब सभी कड़ियों को जोड़कर मामले की गहराई से जांच कर रही है।

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