Kanpur highrise buildings: उत्तर प्रदेश सरकार ने इमारतों को लेकर नए नियम लागू कर दिए हैं, जिससे लखनऊ, गाजियाबाद और Kanpur जैसे बड़े शहरों की तस्वीर अब पूरी तरह बदलने वाली है। अब यहां नोएडा की तर्ज पर ऊंची और बड़ी इमारतें बनाई जा सकेंगी। नए नियमों में फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) बढ़ा दिया गया है, घनत्व की सीमा हटा दी गई है और ग्रुप हाउसिंग को बढ़ावा दिया गया है। बिल्डर अब कम जगह में ज्यादा मकान बना सकेंगे, जिससे मकानों की संख्या बढ़ेगी और कीमतें कम हो सकती हैं। यह बदलाव रियल एस्टेट सेक्टर में नई जान फूंक सकते हैं। साथ ही पर्यावरण सुरक्षा और इलेक्ट्रिक वाहनों की जरूरतों को भी ध्यान में रखा गया है।
अब लखनऊ-कानपुर में मिलेंगी ऊंची बिल्डिंग्स की मंजूरी
उत्तर प्रदेश सरकार ने वर्ष 2008 के पुराने बिल्डिंग बायलॉज को खत्म कर ‘बिल्डिंग कंस्ट्रक्शन एंड डेवलपमेंट बायलॉज 2025’ लागू करने का फैसला किया है। इसके तहत अब गाजियाबाद, लखनऊ और Kanpur जैसे शहरों में ऊंची इमारतों के निर्माण को मंजूरी मिल गई है। नोएडा इन नियमों से अलग रहेगा क्योंकि वहां पहले से ही विशेष नियमन है। FAR यानी फ्लोर एरिया रेशियो को ग्रुप हाउसिंग और कमर्शियल दोनों तरह की परियोजनाओं के लिए बढ़ाया गया है। अब छोटी जमीनों पर भी ऊंची इमारतें बन सकेंगी। FAR की सीमा कई इलाकों में दोगुनी कर दी गई है, जिससे बिल्डर ज्यादा फ्लोर बना सकेंगे।
छोटी जगह, बड़ी इमारत: नए नियमों का पूरा फायदा
पहले जहां 2,000 वर्ग मीटर से कम जमीन पर ऊंची इमारतें नहीं बन सकती थीं, अब बनी हुई बस्ती में 1,000 वर्ग मीटर और खाली ज़मीन पर 1,500 वर्ग मीटर में भी हाईराइज़ बिल्डिंग्स बनाई जा सकेंगी। FAR में अब 5.25 से लेकर 8.75 तक की सीमा तय की गई है, जो सड़क की चौड़ाई और जमीन की स्थिति पर निर्भर होगी। इसके अलावा, बिल्डर 5% FAR का उपयोग दुकान, ऑफिस और कम्युनिटी फैसिलिटी के लिए भी कर सकते हैं। इससे मिक्स्ड-यूज़ इमारतें बढ़ेंगी, जहां आवास और व्यवसाय एक ही परिसर में संचालित होंगे।
चार्जिंग प्वाइंट से लेकर ग्रीन जोन तक का ख्याल
पर्यावरण संरक्षण और भविष्य की जरूरतों को देखते हुए नए बायलॉज में स्पष्ट प्रावधान किए गए हैं। 3,000 वर्ग मीटर से अधिक की जमीन पर कम से कम 10% हिस्सा पार्क और ओपन स्पेस के लिए छोड़ना अनिवार्य होगा। योजनाबद्ध परियोजनाओं में यह सीमा 15% तक बढ़ जाएगी। साथ ही, सभी ग्रुप हाउसिंग सोसाइटियों को अपनी पार्किंग में कम से कम 20% जगह इलेक्ट्रिक वाहनों की चार्जिंग के लिए सुरक्षित रखनी होगी। इससे ईवी इन्फ्रास्ट्रक्चर को बढ़ावा मिलेगा और ग्रीन बिल्डिंग्स का निर्माण प्रोत्साहित होगा।
क्या मकान खरीदना अब होगा आसान?
Kanpur रियल एस्टेट विशेषज्ञों का मानना है कि नए नियमों से मकानों की संख्या बढ़ेगी और बाजार में प्रतिस्पर्धा आएगी, जिससे कीमतें स्थिर या कम हो सकती हैं। अनारॉक ग्रुप के वाइस चेयरमैन संतोष कुमार के अनुसार, “अगर डिमांड बनी रही और मंजूरियों में तेजी आई, तो रियल एस्टेट में स्थायित्व आएगा और आम लोगों के लिए घर खरीदना आसान होगा।” TOD यानी ट्रांजिट ओरिएंटेड डेवलपमेंट नियमों के तहत पब्लिक ट्रांसपोर्ट के 1.5 किलोमीटर के दायरे में अधिक निर्माण की अनुमति दी जाएगी, जिससे शहरों में सुनियोजित विकास संभव हो सकेगा।
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