Kanpur News: देश की प्रमुख यूरिया बनाने वाली इकाइयों में से एक कानपुर फर्टिलाइजर एंड केमिकल्स लिमिटेड (केएफसीएल) में उत्पादन ठप है। एक अप्रैल की सुबह छह बजे से यूरिया बनाने की प्रक्रिया ठप है। यहां काम करने वाले 1220 श्रमिकों ने तीन दिन में नौकरी भी छोड़ी दी है। बाकी का भी हिसाब-किताब पूरा करने में प्रबंधन जुटा है।
हालांकि शनिवार तक पनकी स्थित फैक्टरी (Kanpur News) पर कोई नोटिस बंदी का नहीं चस्पा किया गया था। जेपी ग्रुप के अंतर्गत संचालित फर्टिलाइजर प्रबंधन का दावा है कि सब्सिडी के लिए तय ऊर्जा मानक 31 मार्च 2025 तक ही मान्य थे। इसकी जानकारी भी केंद्र सरकार को दी गई। हालांकि केंद्र की ओर से मानकों का नवीनीकरण एक अप्रैल तक हो जाता, तो उत्पादन ठप करने की नौबत नहीं आती।
2013 से अबतक तक 92 फीसदी की हुई बढ़ोतरी
मुख्य इंजीनियर अविनाश राय ने बताया कि फर्टिलाइजर के साथ लगातार अनदेखी की गई है। सब्सिडी के लिए तय ऊर्जा मानक के अलावा दस साल में एक बार भी फैक्टरी का फिक्स्ड कास्ट नहीं बढ़ाया गया है। यह कास्ट 3326 प्रति टन यूरिया है। वहीं मुद्रा स्फीति के आधार पर 2013 से अबतक तक 92 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। इस वजह से केएफसीएल पर पिछले एक साल में 200 करोड़ का असर पड़ा है। एटक के अध्यक्ष असित सिंह का कहना है कि गलत नीतियों का खामियाजा श्रमिकों को उठाना पड़ रहा है। अबतक 1220 श्रमिक त्याग पत्र दे चुके हैं।
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फर्टिलाइजर में बिजली काटने से टूटी कमर
प्रबंधन ने बताया कि बार-बार केस्को की ओर से बकाया होने पर कनेक्शन काटने के लिए आने से उत्पादन पर असर पड़ा। मार्च में दो बार अचानक बिजली की वजह से उत्पादन रोकने से भारी नुकसान हुआ। हालांकि प्रबंधन ने केस्को को 115 करोड़ की राशि मार्च में जमा कर दी गई। 18 दिसंबर से पनकी स्थित केएफसीएल में अचानक ही उत्पादन ठप हो गया।
घंटों बंद कमरे में बैठक, मंत्रालय को दी खबर
उत्पादन ठप होने को लेकर जेपी ग्रुप के संचालकों ने शनिवार को पनकी स्थित फैक्टरी में बैठक की। निदेशक विनोद कुमार ने बताया कि सब्सिडी के लिए तय ऊर्जा मानक 31 मार्च 2025 तक ही मान्य थे। जानकारी भी केंद्र सरकार को दी गई। नवीनीकरण नहीं होने पर उत्पादन ठप कर दिया गया। सूचना केंद्र, राज्य सरकार व मंत्रालय को दी गई है।