IIT Kanpur Case: एसीपी मोहसिन के बाद आईआईटी कानपुर में एक और उत्पीड़न मामला,कैंपस में महिला सुरक्षा पर सवाल

आईआईटी कानपुर में एक महिला रिसर्चर ने सहकर्मी पर शादी का झांसा देकर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया है। पुलिस ने मामला दर्ज कर मेडिकल करवाया है। इससे पहले दिसंबर 2024 में भी ऐसा ही मामला सामने आया था। दोनों घटनाओं की जांच फिलहाल जारी है।

Mohsin Khan

IIT Kanpur Case:आईआईटी कानपुर में एक बार फिर यौन उत्पीड़न का मामला सामने आया है, जहां एक महिला रिसर्चर ने सहकर्मी पर गंभीर आरोप लगाए हैं। इससे पहले दिसंबर 2024 में भी ऐसा ही मामला चर्चा में था, जब एक छात्रा ने एसीपी मोहसिन खान पर शादी का झांसा देकर यौन उत्पीड़न का आरोप लगाया था।

क्या है ताजा मामला?

इस बार पीड़िता पूर्वोत्तर राज्य से हैं और साइबर सिक्योरिटी प्रोजेक्ट पर काम कर रही हैं। उनका कहना है कि सहकर्मी शुभम मालवीय ने शादी का झांसा देकर उनका यौन उत्पीड़न किया। पीड़िता के मुताबिक जब उन्होंने शादी की बात कही तो शुभम ने उन्हें धमकाया और मारपीट भी की।

आईटी प्रशासन से शिकायत

परेशान होकर उन्होंने आईआईटी प्रशासन से शिकायत की। प्रशासन ने इस मामले की जांच के लिए कमेटी बना दी है। साथ ही कल्याणपुर थाने में भी मामला दर्ज हो गया है। पुलिस ने पीड़िता का मेडिकल करा लिया है, और आज उनके मजिस्ट्रेट के सामने बयान दर्ज कराए जाएंगे। शुभम का फोन बंद है और पुलिस उसकी तलाश कर रही है।

पहला मामला भी था चर्चा में

दिसंबर 2024 में एक शोध छात्रा ने एसीपी मोहसिन खान पर भी शादी का झांसा देकर यौन उत्पीड़न का गंभीर आरोप लगाया था। पीड़िता का कहना था कि मोहसिन ने न केवल उससे विवाह का वादा किया, बल्कि लंबे समय तक उसे धोखे में रखा और शारीरिक संबंध बनाए। बाद में, जब पीड़िता को पता चला कि मोहसिन पहले से ही शादीशुदा है और उसने अपनी वैवाहिक स्थिति छिपाई थी, तो उसने पुलिस में शिकायत दर्ज कराई। इस मामले में एसआईटी (विशेष जांच दल) अभी भी गहन जांच कर रही है, और मोहसिन खान से कई दौर की पूछताछ भी हो चुकी है। मामले में अब तक कई चौंकाने वाले खुलासे सामने आ चुके हैं, और पीड़िता को न्याय दिलाने के लिए विभिन्न स्तरों पर प्रयास किए जा रहे हैं।

क्या हो सकता है आगे का रास्ता?

यह घटनाएं बताती हैं कि कार्यस्थलों पर महिलाओं की सुरक्षा को लेकर और सख्त कदम उठाने की ज़रूरत है। संस्थान को जागरूकता अभियान चलाने चाहिए।महिलाओं के लिए हेल्पलाइन और सपोर्ट सिस्टम को मजबूत करना चाहिए। कानूनी प्रक्रिया में तेजी लाने की कोशिश होनी चाहिए ताकि पीड़िताओं को जल्द न्याय मिल सके।

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