Kanwar Yatra 2022: 14 जुलाई से शुरू होने जा रहे कांवड़ मेले (Kanwar Yatra) को लेकर उत्तराखंड और उत्तर प्रदेश के पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों ने बुधवार को डामकोठी में बैठक की. इसमें अधिकारियों ने कांवड़ मेला (Kanwar Yatra) को सफलतापूर्वक संपन्न कराने के लिए अपने सुझाव दिए. अन्य जिलों से हरिद्वार आने वाले शिव भक्तों की सूची तैयार कर सीमावर्ती जिलों में साझा की जाएगी.
इसके अलावा सात फीट से ऊपर के कांवड़ पर प्रतिबंध रहेगा और कांवड़िये अपना पहचान पत्र साथ लाएंगे. बुधवार को गढ़वाल आयुक्त सुशील कुमार की अध्यक्षता में सीमावर्ती जिलों सहारनपुर, मुजफ्फरनगर और बिजनौर के जिलाधिकारियों और वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों की बैठक हुई. इस दौरान उन्होंने जिलाधिकारियों को निर्देश दिए, और हरिद्वार आने वाले कांवड़ियों की सूची सभी जिले जरूर तैयार करने को कहा.
भीड़ पर नियंत्रण एक बड़ी चुनौती
साथ ही उन्होंने बताया कि सुरक्षा और भीड़ पर नियंत्रण एक बड़ी चुनौती है, इसलिए इस पर विशेष ध्यान देने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि कांवड़ की ऊंचाई सात फीट से अधिक नहीं होनी चाहिए ताकि यात्रा में कोई परेशानी न हो. इससे ऊंची कांवड़ पर रोक रहेगी. इसके अलावा दुकानों को ऐसी कोई भी चीज नहीं बेचनी चाहिए जिसे हथियार के रूप में इस्तेमाल किया जा सके.
दुकानदारों को अपनी असली आईडी रखनी होगी
इस संबंध में हरिद्वार के जिलाधिकारी विनय शंकर पांडेय ने कहा कि 14 जुलाई से 27 जुलाई तक कांवड़ मेला (Kanwar Yatra) चलेगा. इस साल कांवड़ियों की संख्या चार करोड़ हो सकती है. एसएसपी हरिद्वार डॉ. योगेंद्र सिंह रावत ने बताया कि यात्रा पर आने वाले कांवड़ियों को अपने साथ कोई न कोई पहचान पत्र अवश्य लेकर जाना होगा. वहीं, सड़क किनारे सभी दुकानदारों को अपनी असली आईडी रखनी होगी.
ट्रैफिक प्लान पर विचार-विमर्श किया जाएगा
साथ ही बैठक में डीएम विनय शंकर पांडेय ने जानकारी देते हुए कहा कि कांवड़ यात्रा (Kanwar Yatra) के दौरान इस्तेमाल होने वाले जुगाड़ वाहन यात्रा के दौरान परेशानी का सबब बन सकते हैं. इस पर गढ़वाल आयुक्त ने रुकने के निर्देश दिए. इसी के साथ ही सीमावर्ती जिलों से हरिद्वार तक किस तरह का ट्रैफिक प्लान होगा, इसको लेकर विचार-विमर्श किया जाएगा.
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