देश भर में बसंत पंचमी के त्योहार को काफी धूमधाम से मनाया जाता है इसे हम सरस्वती पूजा भी कहते है। इस दिन मां सरस्वती को स्थापित किया जाता है मां सरस्वती ज्ञान की देवी मानी जाती है बसंत पंचमी के दिन लोग घरों में मां सरस्वती के साथ किताबों और कॉपियों की भी पूजा करते हैं। देवी सरस्वती का व्रत भी रखते है इस खास दिन पीले रंग के वस्त्र का बेहद महत्व माना जाता है इसलिए बसंत पंचमी के दिन पीले वस्त्र पहनने चाहिए। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार पीला रंग ऊर्जा और समृध्दि का प्रतीक माना गया है। बसंत ऋतु के आगमन से ठंड का कहर कम हो जाता है औऱ हर जगह पेड़-पौधे लहलहाने लगते हैं कलियों पर फूल आने लगते हैं।
बसंत पंचमी 14 फरवरी दिन बुधवार को मनाई जाएगी उस दिन सुर्योदय 6 बजकर 38 मिनट और सूर्यास्त 5 बजकर 45 मिनट पर हो रहा है। ब्रह्म मुहुर्त में सुबह 4 बजे से स्नान शुरु हो जाएगा औऱ सूर्यास्त शाम 5 बजकर 45 मिनट पर स्नान किया जा सकता है।
सरस्वती पूजा में क्या चढ़ांए
ऐसा माना जाता है कि मां शारदा को पीले चावल काफी पसंद है इस लिए मीठे पीले चावल का भोग लगाएं। पीले वस्त्र धारण करके मां शारदा की पूजा अर्चना करें। मां सरस्वती को हल्दी, अक्षत से तिलक करें और भजन गांए।
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बसंत पंचमी का दिन शुभ कार्यों के लिए उत्तम हैं
बसंत पंचमी का दिन शुभ कार्यों के लिए उत्तम माना जाता है इस दिन शादी विवाह के बंघन वाले जातकों को सभी देवी-देवताओं का आशीर्वाद मिलता है। नए जोड़ों को सात जन्मों का साथ मिलता है इस दिन भगवान शिव औऱ माता पार्वती का तिलक हुआ था। इस लिए शादी के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन घर में हवन, बच्चे का मुंडन, गृह-प्रवेश, नामकरण, कराना भी शुभ माना जाता है।