चार्ल्स तृतीय व उनकी पत्नी कैमिला आज यानी 6 मई 2023 को औपचारिक रूप से ब्रिटेन के राजा और रानी बनेंगे। लेकिन इस बार ताजपोशी राजा रानी की परंपरा से हटकर की जाएगी। दरअसल क्वीन कैमिला ने अपने ताज में कोहिनूर हीरा नहीं पहनने का फैसला लिया है। ब्रिटिश मीडिया की माने तो ये फैसला राजनीतिक संवेदनशीलता को देखते हुए लिया गया है।
सबसे पहले क्वीन विक्टोरिया ने कोहिनूर को अपने मुकुट में जड़वा कर पहना था। 1901 में उनकी मृत्यु के बाद क्वीन कॉन्सोर्ट मैरी ने कोहिनूर जड़ा ताज पहना। उनके बाद महारानी अलेक्जैंड्रा ने, फिर 1953 में एलिजाबेथ द्वितीय ने कोहिनूर को अपने ताज में जड़वाया। ऐसी मान्यता है कि ये हीरा पुरुषों के सौभाग्यशाली नहीं है। इसलिए इसे हमेशा औरतों ही पहनती हैं।
लेकिन क्वीन कॉन्सोर्ट कैमिला ने ताजपोशी के मौके पर कोहिनूर को ताज में नहीं जड़वाने का फैसला किया है जो अपने आप में ऐतिहासिक है। ब्रिटेन में ताजपोशी की यह शाही परंपरा 1000 साल पुरानी है। क्वीन कैमिला ने कोहिनूर पहनने से इनकार कर दिया इसका ये मतलब नहीं कि ब्रिटेन भारत को हीरा वापस दे देगा।
कोहिनूर अब शायद ही कभी भारत लौट। क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने साल 2017 में कहा था कि भारत ब्रिटेन को कोहिनूर वापस लौटाने के लिए बाध्य नहीं कर सकता। सुप्रीम कोर्ट का कहना था कि कोहिनूर को ना तो चुराया गया था और ना ही छिना गया था। बल्कि भारत ने इसे अंग्रेजों को गिफ्ट किया था। क्वीन ने ये फैसला राजनीतिक संवेदनशीलता को देखते हुए लिया गया है।