सत्ता बदलते ही ‘लालटेन’ बुझ गई! राबड़ी का 20 साल पुराना किला ढहा, कोर्ट का बहाना या BJP का निशाना?

बिहार की पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी को दो दशक से आवंटित 10 सर्कुलर रोड आवास खाली करने का नोटिस मिला है। बीजेपी के मजबूत उभार के बीच यह फैसला, लालू परिवार और सत्ता पक्ष के बीच नए राजनीतिक घमासान को जन्म दे रहा है, जिसकी जड़ें तेजस्वी यादव के एक पुराने कोर्ट केस में छिपी हैं।

Rabri Devi

Rabri Devi residence: बिहार की राजनीति में लगभग दो दशकों से लालू परिवार का स्थायी पता रहा 10 सर्कुलर रोड आवास अब पूर्व मुख्यमंत्री राबड़ी देवी से छिनने जा रहा है। मंगलवार को भवन निर्माण विभाग द्वारा जारी नोटिस ने सियासी गलियारों में हलचल मचा दी है। यह कार्रवाई ऐसे समय में हुई है जब 2025 विधानसभा चुनावों के बाद भारतीय जनता पार्टी (BJP) राज्य में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, जिससे सत्ता के फैसलों पर BJP के बढ़ते प्रभाव की अटकलें लगाई जा रही हैं।

हालांकि, इस फैसले की पृष्ठभूमि 2019 के पटना हाई कोर्ट के उस बड़े आदेश में है, जिसने पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिली सरकारी सुविधाओं को समाप्त कर दिया था। इस आदेश के बाद भी, राबड़ी देवी को विरोधी दल की नेता होने के नाते आवास मिला था, पर अब यह सुविधा भी वापस ले ली गई है, जिससे एक बड़ा राजनीतिक विवाद खड़ा हो गया है।

दो दशकों बाद क्यों छिन रहा 10 सर्कुलर रोड? लालू परिवार पर BJP का तंज

पूर्व मुख्यमंत्री Rabri Devi चाहे किसी भी पद पर रही हों, 10 सर्कुलर आवास उन्हीं के नाम पर हमेशा आवंटित रहा। 2005 में सत्ता छोड़ने के बाद उन्हें यह आवास पूर्व मुख्यमंत्री की हैसियत से मिला था। सबसे बड़ी बात यह है कि इतने वर्षों में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कभी इस बंगले पर कोई सख्त रुख नहीं अपनाया।

हालांकि, 2025 के बिहार विधानसभा चुनाव में बीजेपी पहले से अधिक ताकतवर होकर उभरी है और सबसे अधिक सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर आई है। सियासी गलियारों में चर्चा है कि सरकार के फैसलों पर बीजेपी के मजबूत होने का असर दिख रहा है, और यह नोटिस इसी प्रभाव का परिणाम हो सकता है।

तेजस्वी यादव का कोर्ट केस है असली जड़

Rabri Devi को आवास खाली कराने के पीछे का असली कारण तेजस्वी यादव के एक पुराने कानूनी मामले में छिपा है। 2017 में, जब नीतीश कुमार ने पाला बदलकर बीजेपी के साथ सरकार बनाई, तो तत्कालीन उपमुख्यमंत्री तेजस्वी यादव को 5 देशरत्न मार्ग आवास खाली करने का आदेश दिया गया। इस आदेश के खिलाफ तेजस्वी यादव ने हाई कोर्ट का रुख किया।

इस सुनवाई के दौरान, यह जानकारी सामने आई कि राज्य सरकार ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को सरकारी बंगला, गाड़ी, सुरक्षा और स्टाफ दिए जाने के लिए नियम बना रखे थे। इसी आधार पर, पटना हाई कोर्ट ने 19 फरवरी 2019 को तेजस्वी की याचिका पर फैसला सुनाते हुए उन्हें बंगला खाली करने का आदेश दिया।

इससे भी बड़ा फैसला यह था कि हाई कोर्ट ने पूर्व मुख्यमंत्रियों को मिल रही सरकारी बंगला, गाड़ी, सुरक्षा और स्टाफ जैसी सुविधाओं को वापस लेने का आदेश दिया। उस वक्त राबड़ी देवी बिहार विधान परिषद में विरोधी दल की नेता थीं, इसलिए उनका 10 सर्कुलर आवास बचा रह गया था। लेकिन अब उन्हें नया आवास 39 हार्डिंग रोड आवंटित किया गया है और 10 सर्कुलर रोड खाली करना होगा।

बीजेपी ने कसा तंज: “नल-टोटी चोरी नहीं हो!”

आवास खाली करने के नोटिस के बाद बीजेपी ने लालू परिवार पर तीखा हमला बोला है। बीजेपी प्रवक्ता नीरज कुमार ने एक्स पर पोस्ट करते हुए तंज कसा कि आवास खाली करते वक्त राबड़ी देवी को ध्यान रखना चाहिए कि इस बार “अपने बेटे की तरह घर को खाली करते वक्त सरकारी संपत्ति की चोरी नहीं करेंगे।” उन्होंने कहा कि “बाथरूम से नल और टोटी नहीं चोरी करेंगे! आपके परिवार का ट्रैक रिकॉर्ड यही रहा है।” बीजेपी ने इस पर अपनी नजर बनाए रखने की बात कहकर इस मामले को पूरी तरह से राजनीतिक रंग दे दिया है।

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