क्या बीजेपी में शामिल हो सकते है आचार्य प्रमोद कृष्णम, कांग्रेस से छह साल के लिए हुए निष्कासित

Acharya Pramod Krishnam

आचार्य प्रमोद कृष्णम: कांग्रेस पार्टी के भले ही बड़े चेहरों शामिल न हों आचार्य प्रमोद कृष्णम Acharya Pramod Krishnam लेकिन एक हिंदू धर्म गुरु होने की वजह से वह काफी प्रतिष्ठित व्यक्ति माने जाते है. उनका प्रभाव उत्तर प्रदेश के पश्चिमी इलाके के एक हिस्से मे काफी हैं. प्रमोद कृष्णम कांग्रेस पार्टी की सदस्य प्रियंका गांधी के राजनीतिक सलाहकार थे, जिनको अब पार्टी से छह साल के लिए निकाल दिया गया है.

कांग्रेस पार्टी के महासचिव के सी वेणुगोपाल ने प्रमोद कृष्णम को पार्टी से निष्कासित करने का पत्र जारी कर दिया है और उन पर आरोप लगाया है कि उन्होंने अनुशासनहीनता और पार्टी के खिलाफ बयानबाजी की है.

क्या भाजपा में शामिल होंगे आचार्य

खबरे की माने तो आचार्य प्रमोद कृष्णम Acharya Pramod Krishnam कांग्रेस छोड़ भाजपा में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं. 19 फरवरी को कल्कि धाम में होने वाले शिलान्यास कार्यक्रम के लिए उन्होंने पीएम नरेंद्र मोदी के साथ-साथ कई भाजपा नेताओं को आमंत्रण दिया है, जबकि इसी कार्यक्रम में उन्होंने कांग्रेस के किसी नेताओं को आमंत्रित नहीं किया है. उनके इस कदम को लोग राजनीति से जोड़ रहे है. कयास लगायै जा रहा है कि इसी वजह से कांग्रेस ने उन्हें पार्टी से निकालने का संदेश दिया है.

भाजपा में जाने को लेकर उनकी राजनीतिक महत्त्वाकांक्षा बताई जा रही है, कयास लगाया जा रहा है कि वह पश्चिमी उत्तर प्रदेश की संभल या किसी आसपास की अन्य सीट से चुनाव लड़ सकते हैं. लेकिन अभी तक भाजपा और प्रमोद कृष्णम की तरफ से इस पर कोई बयान नही आया है. लेकिन माना जा रहा है कि भाजपा उन्हें पश्चिमी उत्तर प्रदेश की किसी सीट से चुनाव में उतार सकती है.

आचार्य क्यों है विवाद में

भारतीय जनता पार्टी इस बार लोकसभा चुनाव में किसी भी हाल मे उत्तर प्रदेश की सभी 80 सीटों को जीतना चाहती है और एक रिकॉर्ड बनाने की पूरी कोशिश कर रही है. भाजपा की कोशिश मे जयंत चौधरी और प्रमोद कृष्णम एक अहम भूमिका निभा सकते है.

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पिछले लोकसभा चुनाव में प्रमोद कृष्णम ने राजनाथ सिंह के खिलाफ लखनऊ से चुनाव लड़ा था और वह करीब 1.80 लाख वोट हासिल करके तीसरे स्थान पर रहे थे. सपा से उम्मीदवार पूनम सिन्हा के होने के बावजूद भी इतना वोट हासिल कर पाना कांग्रेस के साथ-साथ आचार्य प्रमोद कृष्णम के लिए भी बड़ी बात थी. इसलिए उनके राजनीतिक पकड़ को खारिज नहीं किया जा सकता है.

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