मजदूरों के पैसे जब्त करने का मामला, ED ने छापा मार जब्त किए अनगिनत नोट

मनी लॉन्ड्रिंग से संबंधित मामलों में प्रवर्तन निदेशालय (ED) लगातार कार्रवाई करता रहता है। हाल ही में, असम से जुड़े एक मामले में ED ने बड़ी कार्रवाई करते हुए करोड़ों रुपये जब्त किए हैं।

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Labour Welfare Scam : मनी लॉन्ड्रिंग और वित्तीय धोखाधड़ी से जुड़े मामलों में प्रवर्तन निदेशालय (ED) की ओर से नियमित रूप से कार्रवाई की जाती है। हाल ही में, ED ने असम से संबंधित एक मामले में छापेमारी कर करोड़ों रुपये जब्त किए हैं। असम सरकार के निर्माण श्रमिकों के कल्याण के लिए निर्धारित फंड में गबन के मामले में ED ने बड़ा एक्शन लिया है।

प्रवर्तन निदेशालय की टीम ने मनी लॉन्ड्रिंग रोकथाम कानून (PMLA) के तहत कार्रवाई करते हुए 34 करोड़ रुपये से अधिक की राशि जब्त की है, जिसमें बैंक और फिक्स्ड डिपॉज़िट शामिल हैं। यह मामला असम भवन एवं अन्य निर्माण श्रमिक कल्याण बोर्ड (BOCWWB) द्वारा 2013-16 के दौरान 118 करोड़ रुपये के ठेकों को धोखाधड़ी से पूर्वश्री प्रिंटिंग हाउस नामक कंपनी को दिए जाने से जुड़ा है, जिसके मालिक प्रियांशु बोइरागी हैं।

ED (Labour Welfare Scam) ने एक बयान में कहा कि यह मामला निर्माण श्रमिकों के कल्याण के लिए एकत्रित उपकर (Cess) के दुरुपयोग का है। छापेमारी के दौरान कई आपत्तिजनक दस्तावेज और अन्य सामग्री भी जब्त की गई है। हालांकि, ED के बयान में छापेमारी की तिथि की जानकारी नहीं दी गई है।

करीब 34 करोड़ राशि जब्त

ED ने जानकारी दी है कि अपराध से प्राप्त आय के रूप में 34.03 करोड़ रुपये बैंक और फिक्स्ड डिपॉज़िट के रूप में जब्त किए गए हैं। यह मनी लॉन्ड्रिंग का मामला मुख्यमंत्री के स्पेशल विजिलेंस सेल द्वारा दर्ज की गई प्राथमिकी और IAS अधिकारी तथा पूर्व लेबर कमिश्नर सह ABOCWWB सदस्य सचिव चौहान डोले, प्रियांशु बोइरागी, बोर्ड के पूर्व अध्यक्ष गौतम बरुआ, और पूर्व प्रशासनिक अधिकारी नागेन्द्र नाथ चौधरी के खिलाफ पुलिस द्वारा दायर की गई चार्जशीट के बाद सामने आया है।

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इसी के साथ ED ने आरोप लगाया है कि नागेंद्र नाथ चौधरी ने धोखाधड़ी और जाली ठेका प्रक्रियाओं के माध्यम से ABOCWWB से अधिक मूल्य के प्रिंटिंग कॉन्ट्रैक्ट्स प्राप्त किए। ED का दावा है कि प्रियांशु बोइरागी ने सरकारी धन से प्राप्त 118 करोड़ रुपये (अपराध से अर्जित आय) को अपने नाम पर फिक्स्ड डिपॉज़िट में जमा करवा दिया और शेष राशि को विभिन्न बैंक खातों में ट्रांसफर कर दिया। ED ने प्रारंभिक जांच के बाद छापेमारी की और बैंक खातों को फ्रीज करते हुए राशि को जब्त कर लिया।

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