ग्रेटर नोएडा वेस्ट (गौतमबुद्धनगर)। जिले में गाहे-ब-गाहे सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे होने की खबरें मीडिया के जरिये सामने आती रहती हैं। लेकिन कुछ अफसर-कर्मचारियों को अपवादवश छोड़ दें तो बाकी किसी के कानों पर जूं तक नहीं रेंगती। बार-बार, लगातार मीडिया जिले (Noida) में होने वाले अवैध कब्जे और निर्माण की तस्वीरें सबूतों के साथ सामने लाता रहता है।
बावजूद इसके सरकारी विभागों के अफसर अन्धे और गूंगे-बहरे बने रहते हैं ? बेशकीमती सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जे करने वाले माफियाओं के खिलाफ कोई कार्वाई नहीं की जाती। करने का स्वांग भी तब रचा जाता है जबकि उस जमीन को अनजान और गरीब लोगों को बेच दिया जाता है।
जमीन कैसी भी हो, सब पर हो रहे कब्जे
शहर के इर्द-गिर्द खाली पडी़ कोई जमीन, चाहे प्राधिकरण की हो, नगर निगम, ग्राम सभा, सिंचाई विभाग की या फिर आबादी वाली। जमीन भारतीय सेना, मंदिर,-मस्जिद, कब्रिस्तान-शमशानघाट की हो या फिर गौशाला की सब पर कब्जे बे-रोक-टोक हो रहे हैं। यहाँ तक कि देश पर कुर्बान किसी शहीद की बेवा-बच्चों और बेसहारा बुजुर्गों को सहायता के रूप में दे गई जमीन ही क्यों न हो, सब पर माफिया खुलेआम कब्जे कर रहे हैं।
डूब क्षेत्र की जमीन बेच रहे हैं माफिया
ग्रेटर नोएडा (Noida) वेस्ट में बिसरख कोतवाली क्षेत्र की चौकी सोरख हिन्डन के खसरा नंबर 469, 467, 461, 463 की करीब 150 बीघे ग्राम सभा की जमीन है। इस जमीन पर लेखपाल, कानूनगो और स्थानीय प्रशासन के सहयोग से प्लॉटिंग हो रही है। भोली-भाली जनता के साथ विश्वासघात और ठगी का धंधा अनवरत चल रहा है।
बार-बार अफसरों को बताने के बाद भी सम्बन्धित विभाग और उसके अफसरों के कान पर जूं नहीं रेंग रही। सूत्रों की माने तो यह गैरकानूनी धंधा करने वाले भू माफियाओं पर कई मुकदमें भी दर्ज हैं। लेकिन रसूख और सांठगांठ के बूते इन दबंगों पर कड़ी कार्रवाई नहीं होती।
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रसूखदारों का भी संरक्षण
एक तरफ जहां निजी स्वार्थों के चलते सरकारी मशीनरी का साथ इन माफियाओं को मिलता रहता है वहीं दूसरी तरफ पुलिस भी सुविधा शुल्क के लालच में इनकी करतूतों की अनदेखी करती रहती है। शिकायतें मिलने पर भी स्थानीय नेता और जनप्रतिनिधियों का संरक्षण भी इन माफियाओं को मिलता रहता है। जिससे सरकारी जमीनों पर कब्जों का ये धंधा अनवरत जारी है।
भोले-भाले लोग लुटा रहे गाढ़ी कमाई
Noida जिले के लिए जहरीले साँप बन चुके इन माफियाओं का शिकार वो लोग बन रहे हैं जो पाई-पाई जोड़कर एक आशियाने का सपना बरसों से देखते आ रहे हैं। वो लोग इनकी करतूतों के चलते अपनी गाढ़ी कमाई गंवा बैठते हैं जो तिनका-तिनका जोड़कर किसी पक्षी की मानिंद अपना घोंसला बनाने की उम्मीद लिए इस जिले की तरफ देखते हैं।
आखिर दोष क्या है इनका ? यही ना कि इन्होंने एक ऐसी छत का सपना देखा, जिसके नीचे शाम को थक-हारकर, सर्दी-गर्मी या बरसात में अपने परिवार के बुजुर्गों और बच्चों के साथ सुकून का वक्त बिता सकें। छल-कपट, सही-गलत से अनजान सीधे-साधे गरीब, अशिक्षित लोग इस बात से अंजान होते हैं कि जिस जमीन को खरीद रहे हैं वो सरकारी है। लेकिन ये माफिया बिना कुछ सोचे-समझे सरकारी संरक्षण में ठगी का धंधा चला रहे हैं।
एसडीएम बोलीं-जांच कराती हूं
इस मामले को लेकर Noida प्रशासन की गंभीरता का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि शिकायत मिलने के बावजूद अब तक इस प्रकरण में किसी तरह की कर्यवाही नहीं की गई। जब इस मामले में दादरी तहसील की उप जिलाधिकारी अनुज नेहरा से बात की गई तो उन्होंने मौखिक शिकायत मिलने की बात कही। मीडिया के पूछने पर एसडीएम साहिबा बोलीं कि सोमवार को टीम भेजकर वे जॉच कराएंगी और जो तथ्य सामने आएंगे उनके आदार पर कार्रवाई की जाएगी।
(इनपुट- निशांत शर्मा)