Jharkhand: झारखंड मुक्ति मोर्चा से इस्तीफा देने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री चंपाई सोरेन ने आखिरकार बीजेपी का दामन थाम लिया। रांची के धुर्वा स्थित शाखा मैदान में आयोजित प्रदेश भाजपा के मिलन समारोह में उन्हें पार्टी की सदस्यता दिलाई गई, जिसमें हिमंत बिस्व सरमा और शिवराज सिंह चौहान सहित बीजेपी के कई प्रमुख नेता शामिल थे।
हेमंत सोरेन पर लगाए गंभीर आरोप
बीजेपी में शामिल होने के बाद चंपाई सोरेन ने हेमंत सोरेन सरकार पर उनकी जासूसी कराने का आरोप लगाया। यह पहली बार था जब चंपाई ने खुद राज्य सरकार पर इस तरह का आरोप लगाया, जबकि इससे पहले केवल बीजेपी ही यह दावा कर रही थी।
सदस्यता लेने के बाद चंपाई ने क्या कहा?
चंपाई ने कहा कि उन्होंने झारखंड में लंबी लड़ाई लड़ी और जिस संगठन को उन्होंने मेहनत से खड़ा किया, आज उसी से बाहर निकलना पड़ा। पहले भी पोस्ट के माध्यम से अपनी पीड़ा व्यक्त की थी। बहुत अपमान सहने के बाद सन्यास लेने का विचार किया था।
यह भी पढ़े: भेड़िये के बाद सियार का खौफ.. बहराइच के बाद सीतापुर में आदमखोर का आतंक
लेकिन झारखंड की जनता के प्यार और समर्थन के कारण उन्होंने सक्रिय राजनीति में बने रहने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि वह एक संघर्षशील व्यक्ति हैं और संघर्ष का उतार-चढ़ाव देखा है। उन्होंने सोचा था कि कोई अच्छा दल मिलेगा तो उसके साथ जुड़ जाएंगे।
आखिर BJP में क्यों गए चंपाई?
चंपाई सोरेन ने कहा कि उन्होंने झारखंड (Jharkhand) की परिस्थितियों को देखते हुए कई पार्टियों पर विचार किया, लेकिन अंत में बीजेपी को चुनने का फैसला किया। उन्होंने कहा कि देश में दो बड़ी पार्टियां हैं—बीजेपी और कांग्रेस। कांग्रेस ने आंदोलन को कुचलने के लिए सबसे ज्यादा फायरिंग करवाई, गुआ गोलीकांड में कई लोगों को गोली मारकर जान से हाथ धोना पड़ा। कांग्रेस ने हमेशा आदिवासियों पर गोली चलाई।
इसलिए, उन्होंने बीजेपी को चुना। चंपाई ने कहा कि संथाल परगना और आदिवासियों की रक्षा करने के लिए अगर कोई पार्टी सक्षम है, तो वह बीजेपी है। उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह पर विश्वास जताते हुए कहा कि अगर संथाल परगना और आदिवासियों को बचाना है, तो सिर्फ बीजेपी ही ऐसा कर सकती है।