कोलकाता (Kolkata Rape and Murder Case) पुलिस और हावड़ा सिटी पुलिस ने नबन्ना के आसपास के क्षेत्र को तीन स्तरीय सुरक्षा व्यवस्था के तहत किले में बदल दिया है। 19 जगहों पर बैरिकेड्स लगाए गए हैं और अन्य प्रमुख क्षेत्रों में 5 एल्यूमीनियम बैरिकेड्स लगाए गए हैं। पुलिस के अलावा, कॉम्बैट फोर्स, हेवी रेडियो फ्लाइंग स्क्वॉड (HRFS) रैपिड एक्शन फोर्स (RAF) क्विक रिएक्शन टीम (QRT) और वाटर कैनन की भी तैनाती की गई है। क्षेत्र की निगरानी ड्रोन के माध्यम से की जाएगी।
मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने इस घटना के खिलाफ उनके इस्तीफे की मांग को लेकर हो रहे नबन्ना अभियान को अवैध घोषित किया है। कहा जा रहा है कि पश्चिम बंगाल (Kolkata Rape and Murder Case) में यह पहली बार है जब प्रशासन ने बेटियों के लिए न्याय की मांग को लेकर हो रहे विरोध प्रदर्शन की अनुमति नहीं दी। इसके बावजूद कई संगठन छात्र और सरकारी कर्मचारी इस विरोध में शामिल होने की तैयारी कर रहे हैं। सरकारी कर्मचारी हावड़ा मैदान से नबन्ना तक मार्च करेंगे, जबकि छात्र सतरागाछी से नबन्ना की ओर बढ़ेंगे।
एक रैली कॉलेज स्क्वायर से नबन्ना की ओर निकलेगी, जबकि दूसरी रैली हेस्टिंग्स से शुरू होकर हुगली नदी पार कर नबन्ना तक पहुंचने की कोशिश करेगी। राज्य के पुलिस महानिदेशक (Kolkata Rape and Murder Case) को आशंका है कि आज का विरोध प्रदर्शन कानून-व्यवस्था को बाधित करने की एक सुनियोजित योजना हो सकती है! इस रैली में बीजेपी, एसयूसीआई, कांग्रेस और वामपंथी दल बिना किसी बैनर के शामिल होंगे। इसे जनरैली का नाम दिया गया है।
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पुलिस को संदेह है कि राजनीतिक दल इस विरोध प्रदर्शन (Kolkata Rape and Murder Case) को 21 जुलाई 1993 जैसी घटना में बदलने की साजिश कर रहे हैं, जब पुलिस फायरिंग में 13 लोगों की मौत हो गई थी। स्थिति पर नियंत्रण रखने के लिए 100 से अधिक आईपीएस अधिकारियों को तैनात किया गया है। विरोध प्रदर्शन को ध्यान में रखते हुए पुलिस ने रात 10 बजे तक शहर के भीतर और बाहर सभी भारी वाहनों की आवाजाही पर रोक लगा दिया है।