Pilibhit : गांधी नेहरू के सीटों पर बीजेपी का दबदबा, 30 सालों से मां बेटों का राज, जानिए पीलीभीत का गणित

Pilibhit: BJP's dominance on Gandhi Nehru's seats, rule of mother and sons for 30 years, know the mathematics of Pilibhit

नई दिल्ली। Pilibhit से बीजेपी सांसद वरुण गांधी की टिकट पार्टी ने काट दिया। पार्टी ने लोकसभा चुनाव के वरुण गांधी के जगह योगी सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद को अपना उम्मीदवार बनाया है। ज्ञात हो कि यहां पहले फेज में 19 अप्रैल को वोटिंग होगी जिसके लिए यहां नामांकन की आखिरी तारीख  27 मार्च है।

अलग जिम्मेदारी मिल सकती हैं

पार्टी के मौजूदा सांसद और बीजेपी नेता भी ने भी नॉमिनेशन फॉर्म खरीदा लेकिन भरा नही। पार्टी से टिकट नही मिलने और नॉमिनेशन फॉर्म की खरीदी के बाद श्री गांधी को लेकर कई तरफ के कयास लगाए जा रहें थे और उनको लेकर अलग अलग बातें भी की जारी रही। जिसमें दूसरे पार्टी में शामिल होने से लेकर निर्दलीय चुनाव लड़ने के बीच पार्टी में अलग जिम्मेदारी का मिलना शामिल है।

2019 में 2.5 लाख वोट के अंतर से बड़ी जीत

वरुण गांधी के टिकट को लेकर कहा जा रहा है पार्टी उन्हें पश्चिमी यूपी से उम्मीदवार बना सकती हैं। गौरतलब है की अभी तक पार्टी ने  यूपी के 11 सीटों पर प्रत्याशी घोषित नहीं किए हैं। इसमें पश्चिमी यूपी के भी  कई सीटें हैं।ऐसे मे पार्टी  पश्चिम की किसी मजबूत सीट से उन्हें मैदान में उतार सकती हैं। इसके साथ साथ उन्हें पार्टी में भी  कोई महत्वपूर्ण पद दिया जा सकता हैं। वरुण गांधी पीलीभीत से सांसद हैं इन्होंने 2019 के लोकसभा चुनाव में लगभग 2.5 लाख के वोटों के अंतर से जीत दर्ज की थी। लोकसभा 2019 के चुनाव में गांधी को करीब 7 लाख से ज्यादा वोट मिले थें।

अभी तक का राजनीतिक करियर

Pilibhit से लोकसभा सांसद वरुण गांधी की राजनीतिक करियर की शुरुआत 2009 से हुई। जब वो पीलीभीत से ही 2.8 लाख के वोटों के अंतर से जीत कर पहली बार सांसद बने थे। इससे पहले उन्होंने 2004 के लोकसभा चुनाव में अपनी माँ मेनका गांधी के लिए चुनावी प्रचार प्रसार किया था। उस चुनाव में मेनका गांधी ने 1 लाख के अंतर से जीत हासिल की थी। उसके बाद फिर से वरुण गंधी का टिकट 2014  के लोकसभा चुनाव में काट दिया गया। इस बार पार्टी ने उन्हें सुल्तानपुर से उम्मीदवार बनाया था। जहां से वो संसद पहुंचे। इससे पहले पार्टी ने उन्हें राष्ट्रीय महासचिव बनाया था। फिर लोकसभा चुनाव मे पार्टी ने उन्हें पीलीभीत से टिकट दिया जहां से वो मौजूदा सांसद हैं।

Pilibhit का इतिहास

प्रदेश का यह जिला अपने सियासी वजूद के कारण देशभर में अपनी पहचान रखता है। गांधी नेहरू परिवार के सीटों में एक, यह सीट लंबे समय से बीजेपी के हिस्से में रही हैं। अभी तक हुए लोकसभा के चुनाव में यहाँ से कांग्रेस को सिर्फ 4 बात जीत मिली हैं। जबकि अन्य पार्टियों में प्रजा सोशलिस्ट पार्टी का दबदबा भी यहाँ रहा है। लेकिन बाद में यह बीजेपी का गढ़ बनता गया। इस सीट से पूर्व केंद्रीय मंत्री मेनका गांधी और  फिर उनके बेटे वरुण गांधी यहां से सांसद चुने गए। उत्तराखंड के पहाड़ों से सटा यह जिला प्रदेश के रुहेलखंड क्षेत्र के अंतर्गत आता हैं। जहां पीलीभीत संसदीय सीट के अंतर्गत  बहेड़ी, बरखेड़ा, बीसलपुर, पूरनपुर और पीलीभीत की विधानसभा सीटें आती हैं इन पांच विधानसभा सीटों पर भी बीजेपी का ही दबदबा हैं। 5 सीटों में 4 सीटों पर बीजेपी के विधायक हैं।

Pilibhit में बीजेपी का दबदबा 

यूपी के इस लोकसभा सीट पर पिछले 3 दशक से गांधी के परिवार के इन दोनों सदस्यों का दबदबा रहा है। पिछले आठ लोकसभा चुनाव में 6 बार मेनका गांधी और 2 बार वरुण गांधी यहां से जीत कर लोकसभा पहुंचे हैं। सभी बार इनके जीत का अंतर लाखों में  रहा है। 1989 से लेकर अबतक इस सीट पर इन दोनों मां बेटों का कब्जा रहा है। इस दौरान 1991 में बीजेपी के परशुराम  ने जीत हासिल किया था। जिसके बाद 30 सालों में इन दोनों मां बेटों पर पर जनता ने अपना भरोसा जताया है। यह सीट भाजपा के मजबूत सीटों में गिना जाता है। 2009 से लेकर अभी तक यहां मतदान  60% से अधिक हुए हैं।

Pilibhit का जातीय समीकरण

1879 में जिला के स्वरूप में आया पीलीभीत 5 विधानसभा के साथ लोकसभा सीट भी है।  लोकसभा के इस संसदीय सीट पर लगभग 25 फीसदी मुस्लिम वोटरों की आबादी रहती है। जो जीत हार निर्धारित करते हैं।  इसके अलावा यहां अनुसूचित जाति की भी  करीब 17 फीसदी आबादी रहती है।

आमदनी का मुख्य स्रोत खेती

वैसे तो जिले के लोगों की आर्थिक आमदनी का मुख्य स्रोत खेती हैं। लेकिन कुटीर और छोटे उद्योग भी आमदनी के स्रोत हैं। यहां की मुख्य फसल गन्ना है इसलिए यहां के उद्योगों में चीनी मिल मुख्य हैं। लेकिन इसके अलावा कागज, चावल और आटा की भी कई मिलें हैं। कुटीर उद्योग के लिए इस में क्षेत्र में बांस और जरदोजी  के साथ साथ ईंट क्लिंस और मोमबत्तियों काम खूब होता है। इसके साथ साथ पीलीभीत अपने बांसुरी के निर्माण के लिए भी जाना जाता है।

लोकसभा चुनाव 2024 की स्थिति

Pilibhit सीट पर लोकसभा चुनाव 2024 के लिए इस बार पहले चरण में मतदान होना हैं। जिसके लिए पार्टी ने वर्तमान में  योगी सरकार में मंत्री जितिन प्रसाद को अपना उम्मीदवार बनाया है।

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