
कार्यवाही के तहत कश्मीर टाइम्स की कार्यकारी संपादक अनुराधा भासिन को FIR में नामित किया गया है। पुलिस ने उन पर “राज विवाद, पृथकतावाद की भावना को बढ़ावा देना और भारत की संप्रभुता एवं अखंडता को चुनौती देना” जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं। इस छापे के जवाब में कश्मीर टाइम्स ने एक बयान जारी कर इसे “स्वतंत्र पत्रकारिता को दबाने का सुनियोजित प्रयास” बताया है। संपादकों अनुराधा भासिन और प्रबोध जामवाल ने कहा कि सरकार आलोचनात्मक प्रेस को खामोश करने की कोशिश कर रही है। उनकी माने तो “सरकार की आलोचना करना देश-विरोधी नहीं, बल्कि लोकतंत्र की नींव है।”
जम्मू-कश्मीर के उप मुख्यमंत्री सुरिंदर सिंह चौधरी ने भी बयान दिया है कि यदि गलत कुछ किया गया है, तो कार्रवाई होनी चाहिए, लेकिन “केवल दबाव बनाने के लिए कार्रवाई” उचित नहीं होगी।