नई दिल्ली। स्टूडेंट्स इस्लामिक मूवमेंट ऑफ इंडिया (सिमी) का सदस्य हनीफ शेख को दिल्ली पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है। हनीफ शेख पीछे 22 साल से फरार था। हनीफ पर कई युवाओं को आतंकवादी प्रशिक्षण प्रदान करने का आरोप हैं, तथा वो प्रतिबंधित संगठन की पत्रिका के संपादक के रूप में भी काम कर रहा था। 2002 में, हनीफ शेख को भारत द्वारा अपराधी घोषित कर दिया गया था। तब से वह करीब दो दशकों के अधिक समय से अधिकारियों से बच रहा था। उसकी गिरफ्तारी 22 फरवरी को महाराष्ट्र के भुसावल में हुई, जहां वह एक उर्दू स्कूल में फर्जी पहचान के साथ शिक्षक के रूप में काम रह रहा था।
2002 में हुआ था भगोड़ा अपराधी घोषित
हनीफ ने जिस सिमी पत्रिका का संपादन किया था, उसका नाम हनीफ हुडाई था, जो पुलिस के लिए उपलब्ध एकमात्र सुराग था, जिससे उसके ठिकाने का पता लगाना मुश्किल हो गया था। 2001 में उनके खिलाफ दिल्ली के न्यू फ्रेंड्स कॉलोनी पुलिस स्टेशन में राजद्रोह और गैरकानूनी गतिविधियां (रोकथाम) अधिनियम (यूएपीए) के तहत मामला दर्ज किया गया था। दिल्ली की स्थानीय अदालतों ने 2002 में उसे भगोड़ा अपराधी घोषित कर दिया।
सिमी ऑपरेटिव को ऐसे पकड़ा गया
दिल्ली पुलिस की विशेष सेल टीम विभिन्न राज्यों में सिमी कैडरों, समर्थकों और स्लीपर सेल से संबंधित डेटा, सूचना और डिजिटल फ़ुटप्रिंट एकत्र करने का काम कर रही थी। इसके सहारे टीम ने देश के विभिन्न हिस्सों से व्यापक जानकारी एकत्र की।प्राप्त डेटा के जरिए दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने हनीफ को सफलतापूर्वक ढूंढ निकाला। 22 फरवरी को दोपहर करीब 2:50 बजे मोहम्मदीन नगर से खड़का रोड की ओर जाते समय हनीफ की पहचान हुई। जिसके बाद उसके भागने की कोशिश के बावजूद हाथापाई के बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।
वहादत-ए-इस्लाम थिंक टैंक से भी रिस्ता
सिमी में शामिल होने के बाद हनीफ कट्टरपंथी बन गया। जिसके बाद उसने संगठन की गतिविधियों में कई महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।हनीफ को 2001 में सिमी की पत्रिका के उर्दू संस्करण के संपादक के रूप में नियुक्त किया गया था। हनीफ वहादत-ए-इस्लाम थिंक टैंक का एक प्रमुख सदस्य भी था, जो महाराष्ट्र और अन्य निकटवर्ती राज्यों में सक्रिय रूप से शामिल है।