नई दिल्ली: कनाडा के पीएम जस्टिन ट्रूडो (Justin Trudeau) के लिए मुश्किलें बढ़ते हुए नज़र आ रही हैं। ट्रूडो को एक बड़ा झटका लगा है। दरअसल, न्यू डेमोक्रेटिक पार्टी यानी NDP के नेता और खालिस्तान समर्थक जगमीत सिंह ने जस्टिन ट्रूडो को अपना समर्थन देने से इनकार कर दिया है।
इस बात के बारे में खुद जानकारी देते हुए 4 सितंबर 2024 को जगमीत सिंह ने सोशल मीडिया पर एक वीडियो शेयर कर बताया। जिसमें उन्होंने कहा कि उन्होंने प्रधानमंत्री (Justin Trudeau) को अपने निर्णय के बारे में बता दिया है। सिंह ने लिबरल पार्टी के सदस्यों पर कमजोर और स्वार्थी होने का आरोप लगाया, जिसके कारण देश की राजनीति में संकट गर्मा गया है।
सिंह का यह कदम ट्रूडो (Justin Trudeau) सरकार के लिए एक गंभीर चुनौती पैदा कर सकता है! ऐसा इसलिए कहा जा रहा है, क्योंकि इससे अल्पमत वाली सरकार और भी कमजोर हो सकती है! NDP के समर्थन के वापस लिये जाने के बाद ट्रूडो को अपनी सरकार को स्थिर करने के लिए दूसरे राजनीतिक दलों से समर्थन पाना होगा। इस स्थिति में ट्रूडो को अपने राजनीतिक सहयोगियों के साथ दोबारा बातचीत करनी पड़ेगी, जिससे उनकी सरकार का भविष्य अब अनिश्चित हो गया है।
आखिर कौन है ये जगमीत सिंह?
जगमीत सिंह एक प्रमुख कनाडाई (Justin Trudeau) राजनीतिज्ञ और NDP के नेता हैं। उनका जन्म 2 जनवरी 1979 को ब्रैम्पटन, ओंटारियो, कनाडा में हुआ था। जगमीत सिंह भारतीय मूल के हैं। सिंह ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा स्थानीय स्कूलों से ली और बाद में वाटरलू यूनिवर्सिटी, ओंटारियो से कानून की डिग्री हासिल की। इसके बाद उन्होंने कानून की पढ़ाई की और एक वकील के रूप में काम किया। सिंह ने साल 2011 में राजनीति में कदम रखा जब वे ओंटारियो विधानसभा के लिए चुने गए। वह साल 2017 में NDP के नेता बने और एक प्रमुख कनाडाई राजनीतिक पार्टी के पहले सिख नेता के रूप में उभरे।
बीते 4 सितंबर 2024 को सिंह ने एक वीडियो संदेश में घोषणा की कि उन्होंने साल 2022 में ट्रूडो (Justin Trudeau) सरकार के साथ किए गए समझौते को खत्म कर दिया है। सिंह ने आरोप लगाया कि ट्रूडो सरकार कमजोर और स्वार्थी हो गई है और कॉर्पोरेट हितों के आगे झुक गई है।
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सिंह ने यह भी कहा कि NDP जरूरत पड़ने पर ट्रूडो की सरकार का विरोध भी जारी रखेगी और समझौते के परिणामों पर ध्यान देगी। उनका यह निर्णय उस समय आया है जब कनाडा में खालिस्तान समर्थक गतिविधियों को लेकर विवाद बढ़ रहा है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, सिंह का नाम इस विवाद में जोड़ा जा रहा है, जिससे उनकी राजनीतिक स्थिति और जटिल हो गई है।