Bahraich: उत्तर प्रदेश के बहराइच (Bahraich) में भेड़ियों का आतंक लगातार बढ़ता जा रहा है। हाल ही में एक और घटना सामने आई, जहां रात के ढाई बजे भेड़िए ने एक बच्चे पर हमला कर उसे गंभीर रूप से घायल कर दिया। घायल बच्चे को इलाज के लिए अस्पताल ले जाया गया है।
चौंकाने वाली बात यह है कि बच्चा छत पर सो रहा था, और भेड़िया वहां तक पहुंच कर हमला कर गया। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि इतने हमलों के बावजूद वन विभाग भेड़िए को गोली क्यों नहीं मार रहा।
भेड़िए (Bahraich) को सीधे गोली न मारने के पीछे एक तकनीकी कारण है। वन विभाग को डर है कि अगर उन्होंने भेड़िए को मार दिया और हमले फिर भी जारी रहे, तो यह साबित नहीं किया जा सकेगा कि मारा गया भेड़िया ही आदमखोर था। इसलिए, भेड़िए को पकड़ना प्राथमिकता है, और गोली मारना आखिरी विकल्प।
10 साल के बच्चें पर भेड़िए का हमला
रात में भेड़िया बकरियों की कोठरी में घुसने की कोशिश कर रहा था, लेकिन नाकाम रहने पर वह एक ऐसे घर की ओर बढ़ा, जहां खुली सीढ़ियां थीं। एक सीढ़ी बंद होने पर उसने दूसरी का इस्तेमाल किया और छत तक पहुंच गया। वहां से एक छत से दूसरी छत पर गया, जहां एक 10 साल का बच्चा, इमरान, सो रहा था।
इमरान की मां की मौत हो चुकी थी, और उसकी भाभी दूसरी खाट पर अपनी 11 महीने की बच्ची के साथ सो रही थीं। रात करीब 2:30 बजे भेड़िए ने इमरान के गले पर हमला किया और उसे घसीटने लगा। इमरान की भाभी जाग गईं और भेड़िए को भगाने की कोशिश की। छत पर खून के निशान मिले हैं।
किस पैटर्न से भेड़िया कर रहा हमला
भेड़िया खेत के किनारे वाले जंगल से आता है ताकि शिकार कर तुरंत वापस भाग सके। अब तक हुए सभी हमले इसी पैटर्न के हैं। भेड़िए अब सिर्फ जानवरों पर नहीं, बल्कि इंसानों को भी निशाना बना रहे हैं, और आदमखोर बन गए हैं। ड्रोन के जरिए सर्च ऑपरेशन चल रहा है, और जल्द ही फैसला लिया जाएगा कि भेड़िए को पकड़ने की कोशिश जारी रहेगी या उसे गोली मारी जाएगी।
घायलों को रेबीज का भी खतरा है। हालांकि, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने निर्देश दिया है कि सभी घायलों को रेबीज के इंजेक्शन उपलब्ध कराए जाएं, लेकिन हमलों में गंभीर घाव हो रहे हैं, जिससे लोग डरे हुए हैं।