कानपुर। स्कूलों के पास किसी भी तरह के नशे से संबंधित चीजों की खरीदी या बिक्री करना कानून जुर्म है। लाइसेंस के साथ भी ऐसा नहीं कर सकते हैं। लेकिन लोग इससे परहेज नहीं करते हैं। अवैध तरीके से किसी लोग खुलेआम ऐसे कार्य को ना सिर्फ करते हैं बल्कि उसे प्रोत्साहित करते हैं। अब इस मामले में समाने आए हैं वो तो और भी हैरान करने वाला है। खबर कानपुर की हैं जहां अवैध शराब की बिक्री से जुड़ी उत्पाद शुल्क कानून का घोर उल्लंघन सामने आया है। कानपुर के कई इलाकों में मंदिरों और स्कूलों के नजदीक शराब की दुकानें देखी जा रही है। खुलेआम कानून के उल्लंघन के बावजूद भी विभाग ने इस पर चुप्पी साध रखी है।
50 मीटर के दायरे में लाइसेंस के साथ खुली है दुकान
नए मामला कानपुर की है।जहां एक स्कूल के बगल में खुली शराब की दुकान पर सुबह से शाम तक शराब खरीदने और पीने वालों की भीड़ लगी रहती है। शराब खरीदने वाले इस भीड़ पर प्रति दिन नजने कितने लोगों की नजर पड़ती होगी। लेकिन यह दृश्य ने स्कूल जाने वाले एक बच्चे की जिज्ञासा को बढ़ा दिया और उसे मामले को लेकर पूछताछ करने के लिए प्रेरित किया। बच्चे ने अपने परिवार के सदस्यों से पूछताछ की और फिर आसपास के लोगों से पूछताछ की। उसके सवालों से जो खुलासा हुआ उससे हर कोई हैरान रह गया।मामले को लेकर बच्चे के पिता ने स्कूल प्रशासन से शिकायत दर्ज कराई, लेकिन पप्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं हुई। जवाब न मिलने से निराश परिवार ने मामले को लेकर एकीकृत शिकायत निवारण प्रणाली (आईजीआरएस) पोर्टल पर शिकायत दर्ज कराई। यहां भी उसे कोई सफलता नहीं मिली।
दिन भर रहती है शराब पीने वालों की भीड़
हैरान करने वाली बात है की बच्चे के पिता खुद एक एक वकील हैं। खैर मामले को लेकर उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर की गई जिसमें राज्य सरकार, उत्पाद शुल्क आयुक्त, जिला मजिस्ट्रेट और शराब की दुकान के लाइसेंस के लिए जिम्मेदार उत्पाद शुल्क अधिकारी सहित विभिन्न अधिकारियों का नाम ले शिकायत की। याचिका में कहा गया कि आज़ाद नगर में एक स्कूल के पास शराब की अवैध बिक्री हो रही है शराब की दुकान निर्धारित नियमों का उल्लंघन करते हुए सुबह सात बजे खुलती है और दिन भर वहां भीड़ रहती है। शैक्षणिक संस्थानों के 50 मीटर के दायरे में दुकानों के लिए लाइसेंस जारी करने पर रोक लगाने वाले नियमों के बावजूद, लोग खुलेआम फुटपाथ पर शराब पीते हैं। इस मामले में, बच्चे के पिता का तर्क है कि जब शराब की दुकान शुरू में स्थापित की गई थी, तो यह स्कूल से 50 मीटर की सीमा से परे थी। स्कूल के निर्माण के बाद, अधिकारी शराब की दुकान के लाइसेंस का पुनर्मूल्यांकन और नवीनीकरण करने में विफल रहे।
मामले की अगली सुनवाई अब 13 मार्च को होगी, जहां याचिका में शराब की दुकान को बंद करने और कानून लागू करने में चूक के लिए जिम्मेदार लोगों के खिलाफ कार्रवाई की मांग की गई है।